मेरी बात — ” पैसों में मैं कहीं खो ना जाऊँ ” लेखक सह पत्रकार @ अरुण कुमार
मेरी बात — # पैसों के भॅवर में अपनों को खोता इंसान # — लेखक सह पत्रकार अरुण कुमार ————– जी हाँ आज का यह टॉपिक मेरा नहीं हैँ और अगर मैं ये कहूँ की आज का यह टॉपिक की “पैसों में मैं कहीं खो ना जाऊं “यह कहना हैँ मेरे 8 साल के पुत्र का और मुझे इस बात को कहने में जरा भी परहेज नहीं हैँ कि जब मेरा आठ साल का पुत्र अभी से पैसे को लेकर इतना संजीदा हैँ तो फिर कुछ और इंसानों को अपनी सोच में सुधार लाने की नितांत ही आवश्यकता हैँ अन्यथा पैसों के इस भॅवर के चक्कर में आप सब कब अपनों को खो देंगे ये आपसबों को तब पता चलेगा जब आप अहम रिश्तों को खो चुके होंगे, मैं आज ऊँन तमाम माँ, बाप, पुत्र या भाई जो भी अपने आपको सिद्ध मानकर चल रहे हैँ उनको साफ साफ नसीहत देना चाहता हूँ कि स्वयं पैसों के आभाव व प्रभाव में अपने आपको ना खोने की कोशिश करें अन्यथा जैसे प्रकृति अपना तांडव मचाती हैँ वैसे ही यह जिंदगी भी अपना तांडव मचाती हैँ फर्क सिर्फ इतना ही हैँ कि प्रकृति बोलकर शोर नहीं मचाती हैँ किन्तु इंसान पैसों को लेकर शोर मचाने में भी गुरेज नहीं करता हैँ यही जीवन की एक कड़वी सच्चाई भी हैँ वैसे कुछ लोगों को लगता हैँ कि मैं कुछ भी लिख के चला जाता हूँ तो श्रीमान ऐसा नहीं हैँ कुछ बातें हाई लेवल की होती हैँ और इतनी जल्दी वो समझ में नहीं आती हैँ और जबतक समझ में आती हैँ तबतक काफी देर हो जाती हैँ और कुछ लोग निकल लेते हैँ और कुछ लोग निकलने की तैयारी कर रहे होते हैँ तो फिर भी पैसों में अपने आपको खो रहा इंसान कितना और कहां से सही हैँ मैं आज का यह टॉपिक आपलोगों पर ही छोड़ता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी कुछ बातें अगर आप सबों के द्वारा अपने जेहन में उतारकर जीवन में आजमाया जाए तो निश्चित ही आप स्वयं को इस भॅवर से निकाल पाए और अपने कुछ रिश्ते बचा पाए वर्ना —– आप सब स्वयं में समझदार हैँ और अंत में पैसों में अपने आपको ना खोए क्योंकि पैसा हैँ तो बहुत कुछ हैँ किन्तु पैसा ही सब कुछ हैँ ऐसा भी नहीं हैँ तो इस पैसों के भॅवर से अपने आपको बाहर निकाल कर देखें ज़िंदगी मजेदार हो जायेगी,
सबों को समर्पित,
अरुण कुमार – लेखक सह पत्रकार
मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क
भागवत ग्रुप कारपोरेशन

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