मेरी बात — “ऑपरेशन सिंदूर की वीरगाथा”
ऑपरेशन सिंदूर की वीरगाथा ——- भारतीय सेना के अदम्य साहस और भारतीय राजनीती की दृढ़इच्छाशक्ति का जीता जागता उदाहरण हैँ ऑपरेशन सिंदूर इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम ही होगा वहीँ जिस तरह से हमारी तीनों सेनाओं की ऑपरेशन विंग ने दिलेरी दिखाई खासकर महिला वींग ने उसका असर आज भारत की लगभग सभी बहनें कायल हैँ जहाँ तक अगर हम सुदूर गाँव की भी बातें करें तो आज की लड़कियां वींग कमांडर बनने को लेकर ज्यादा उत्साहित हो चुकि हैँ और उनके अभिभावक भी अपनी बेटियों को सेना में भेजने को लेकर इच्छुक हैँ ऐसा हैँ ऑपरेशन सिंदूर का पराक्रम अगर हम इसे पाकिस्तानीयों पर दोहरी मार की संज्ञा दे तो कहीं से भी ये गलत नहीं कहलायेगा जबकि हमारी तीनों सेनाओं की अदम्य साहस की वीरगाथा की केवल एक बानगी हैँ ऑपरेशन सिंदूर अगर अब भी पाकिस्तान नहीं चेता तो वो दिन दूर नहीं जब भारत तो होगा किन्तु पाकिस्तान नहीं होगा सूरज तो होगा किन्तु पाकिस्तानियों के लिए चाँद का दीदार नहीं होगा और तो और कसम खाते हैँ हमसब भारतीय की अगर तिरंगे के लिए जान देने की बात होगी तो सबसे पहले नाम हमारा होगा वहीँ बद से बदनाम हैँ पाक का नाम अगर उसका यही रवैया रहा तो इस सिंदूर की आग की राख़ में वो स्वयं भस्म हो जाएगा हैँ हम हिंदुस्तानयों की बस इतनी सी चाहत की ऑपरेशन सिंदूर का खौफ सभी पाकिस्तानियों में भय का माहौल को कभी भी कम ना होने दे जिस सिंदूर का खौफ हमारे देवता भी मानते हैँ उस सिंदूर को उजाड़ने का दुस्साहस इन पाकिस्तानियों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत मिल चूका हैँ और आगे भी मिलेगा—–
अरुण कुमार ( लेखक सह पत्रकार )

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