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मेरी बात — “एकता में ही बल हैँ ” = लेखक सह पत्रकार ( अरुण कुमार )

मेरी बात — “एकता में ही बल हैँ “लेखक सह पत्रकार – (अरुण कुमार ) पहले के जमानों का सोच ज्यादा बच्चे सब अच्छे या सबसे अच्छे वाली कहावत को फॉलो करके चलते थे किन्तु आज के युवाओं की सोच कम बच्चे हो तो ही अच्छे व सच्चे जबकि कम बच्चे होने का सबसे बड़ा खमियाजा आज आपके बच्चों को ही भुगतना पड़ता है जिसमें की बच्चों का अक्सर शारीरिक विकास रुक जाता है क्योंकि अगर आपके तीन या चार बच्चे हों तो आपस में खेलते रहते हैं लड़ते – झगड़ते कब बड़े हो जाते हैं ये पता ही नहीं चलता ।वहीँ इसके मुकाबले एक बच्चा अगर हो तो वो अक्सर गुमसुम सा एक कोने में पड़ा हुआ मैग्गी खाकर मोबाइल देखता है या टीवी देखता रहता हैं जबकि खाने में कोई कंपटीशन नहीं होता जिससे उसकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है ।
और तो और अगर माता पिता ना हो और किसी प्रकार विपत्ति आती है तो उसके पास कोई भाई बहन नहीं होता हैँ जिसके पास की वह जा सकें।
वहीँ अगर तीन चार बच्चे हैं तो कोई ना कोई कुछ बड़ा बन कर अक्सर निकल ही आता हैँ या ये कहे की कुछ ना कुछ बनने के अधिक चांस अवश्य होता हैँ
जबकि अगर एक ही बच्चा हो और वह जिंदगी में फेल हो गया तो उसको कोई सफल नहीं बना सकता अगर तीन चार बच्चे हैं तो एक बच्चा भी सब को कामयाब कर सकता है या बना सकता हैँ वहीँ पाँच परिवार या संयुक्त परिवार एक बेस्ट व्यापार के लिए अत्यधिक उपयुक्त होता है और आज के डेट में भी बड़े परिवार की बहुत अधिक महत्वता हैँ जैसे एक बिजनेस के लिए कम से कम दो तीन भाई चाहिए ही होते हैँ ठीक वैसे ही एक अकेला बच्चा सारी कोशीशे करके भी केवल एक नौकरी के काबिल ही रह जाता है । कई बार एक बच्चे की फैमिली टूट जाती है या उसकी पत्नी उसको तलाक देकर चली जाती है या उसको बच्चा नहीं होता । तो उसकी बहुत बुरी हालत होती है उसकी सारी उम्र अवसाद ,अकेलेपन में निकल जाता हैँ जैसा की अक्सर कई मामलों में देखने को मिल रहा हैँ इसलिए छोटा परिवार सुखी परिवार के प्रोपेगेंडा से बाहर निकले क्योंकि छोटा परिवार से ज्यादा दुखी परिवार और कोई नहीं होता हैँ जबकि
बड़ा परिवार सुख का आधार के नियम पर चलें और हाँ अंत में एक बात अवश्य कहना चाहूंगा की धन बचाना हैँ तो जन का होना हैँ जरुरी क्योंकि जन है तो धन हैँ बाकी सब निर्धन हैँ,

सभी संयुक्त परिवार को समर्पित,

Last updated: सितम्बर 8th, 2024 by Arun Kumar
Arun Kumar
Bureau Chief, Jharia (Dhanbad, Jharkhand)
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