चिरेका निर्मित 7500वें रेल इंजन का सदस्य (टी.एंड आरएस),रेलवे बोर्ड ने किया लोकार्पण
चित्तरंजन/सालानपुर। चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका)हमेशा से ही भारत के प्रमुख रेल इंजन निर्माताओं की सूची में अग्रणी रहा है। गत वित्तीय वर्ष के दौरानचिरेका,ने रेल इंजन निर्माण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर किसी भी रेल इंजन कारख़ाना की तुलना में दुनिया में सबसे बड़ा विद्युत रेलइंजन निर्माता के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। पिछले सभी कीर्तिमान को पीछे छोड़ते हुए चिरेका ने 1961-62 की शुरूआत काल से 25 जनवरी 2021 अबतक 7500वें विद्युत रेलइंजनका उत्पादन करके फिर एक नया इतिहास रचने में सफल रहा।
इस बीच आज 25 जनवरी को राजेश तिवारी, सदस्य (टी एंड आरएस), रेलवे बोर्ड और भारत सरकार के पदेन सचिव , सतीश कुमार कश्यप, महाप्रबंधक/चिरेका की उपस्थिति में चिरेका के परिभ्रमण के दौरान, लोको साइडिंग से ऐतिहासिक 7500वें विद्युत रेलइंजन( 33023)को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रमुख विभागाध्यक्ष, पर्यवेक्षकगण और कर्मचारीगण उपस्थित थे ।
तिवारी ने इस उपलब्धि के लिएचिरेका के समर्पित कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और अधिकारियों की उत्साही टीम के प्रयासों की सराहना की ओर बधाई दी। उन्होंने न केवल विद्युत रेल इंजनों के उत्पादन में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए महाप्रबंधक के प्रयासों की सराहना की, बल्कि रेल नगरी में सौर और पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा की शुरुआत करके स्वच्छपर्यावरण के अनुकूल वातावरण को बनाए रखनेकी भी सराहना की । चिरेका द्वारा आस-पासके क्षेत्रोंमें जागरूकता अभियान में महत्त्वपूर्ण योगदान लो लेकर भी इसकी तारीफ प्रशंसा की।
उन्होंने उम्मीद जाहिर जताया की चिरेका चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में अपने निर्धारित लक्ष्य को पार करने के लिए सक्षम और प्रयासरत है जो एक भारतीय रेल के मानचित्र पर नए युग की शुरुआत हो सकती है। इस मौके पर कोविड-19 के सुरक्षा और सत्तर्कता मानदंडो का भी पालन किया गया।
इससे पूर्व तिवारी ने महाप्रबंधक और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कारख़ाना के लोको अस्सेंबली, टी एम शेल, बोगी, व्हील शॉप का निरीक्षण सह परिभ्रमण किया। महाप्रबंधक के संग चिरेका के प्रगति रिपोर्ट एवं वर्त्तमान और अगले वित्तीय वर्ष के उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा की।
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