मछली को कैद कर इंसान ने अपनी किस्मत की एक नई नुमाईस शुरू की
आज का यह फोटो बहुत कुछ कहता हैँ और इस फोटो को न्यूज़ के माध्यम से डालकर मैं यह बताना चाहता हूँ कि किया हो गया हैँ आज के इंसान को और कहाँ गई हैँ हमसबकी इंसानियत कि अपने किस्मत को रोज चमकाने के लिए किसी बेज़ुबान को कैद करके रख दिए हैँ जबकि धरती पर हमसभी निवासी हैँ और एक समयावधि के पश्चात हमसभी को इस धरती से विदा हो जाना हैँ कोई भी इंसान हो या जानवर कोई यहाँ रहने के लिए नहीं आया हैँ तो हमें किसने अधिकार दिया हैँ कि इस तरह इन मछलीयों को कैद में रखकर अपने लक का जस्टिफाई करने का और कहाँ हैँ इंसान का जमीर की आज वे कुत्ते, बिल्ली, तोता और ना जाने कितने जानवर को अपने शौक के लिए पालतू बनाकर रक्ख छोड़ा हैँ और दोस्तों इन मछलियों का किया दोष हैँ कि इंसान इसे भी कैद में रखकर अपनी सेखी बघारने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता हैँ किया हम सबका जमीर इतना मर गया हैँ जबकि इंसान स्वयं सोचे और स्वयं को आकलन करने की सोचे की अगर मुझे भी कोई ऐसे ही पिंजरे में कैद कर देगा तो मैं भी इसी मछली की तरह नुमाइश की वस्तु बन कर रह जाऊँगा और यही स्वयं का आकलन होना आज के इस मनुष्य प्राणी में होना निहायत ही जरुरी हैँ अन्यथा वो दिन दूर नहीं ज़ब स्वयं के करनी का फल आपके साथ साथ आपके पुरे परिवार को भोगना ना पड़ जाए क्योंकि भगवान ने इस धरती पर रह रहे सभी प्राणी को एक मानकर पंचतत्व की भांति अवतरित किया हैँ और परमात्मा ने प्रमाण स्वरूप – जल,थल,नभ अग्नि व वायु को एक साथ मिलाकर इस पुरे ब्रम्हाण्ड की उत्पत्ति की हैँ तो हम सब कौन होते हैँ उनकी इस संरचना को खंडित करने वाले और हमें किसने अधिकार दिया हैँ कि हमसब किसी बेज़ुबान को कैद कर उसे नुमाइश की वस्तु बना दें खैर अभी भी देरी नहीं हुआ हैँ समय रहते इंसान अपनी गलती सुधार ले अन्यथा प्रकृति ज़ब तांडव करती हैँ तो सब कुछ तहस नहस और बर्बाद करने में भी देर नहीं लगाती हैँ अब समझना हैँ सबको की आगे किया करना हैं,??
सबों का आभार,

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