क्षेत्रीय अस्पताल उजाड़ने की दिशा में
लोयाबाद क्षेत्रीय अस्पताल उजाड़ने की दिशा में एक कदम और बढ़ गया। अब एक्सरे मशीन भी उखाड़ा जा रहा। कर्मियों की माने तो उजाड़े जा रहे मशीन को लोयाबाद रीजनल स्टोर में जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। इस अस्पताल में यह एक्सप्रेस की आख़री मशीन थी।
एक समय अस्पताल के एक्सरे विभाग में सभी तरह का एक्सरे हुआ करता था। तक़रीबन 35 वर्ष पहले इस मशीन को 12 लाख में खरीदी गई थी। मशीन रख रखाव के करण तक़रीबन 4 साल पहले से धीरे-धीरे सभी तरह के एक्सरे होना यहाँ बंद हो गया। मात्र छाती के हो रहे एक्सरेकी यह मशीन भी कुछ दिनों से काम करना बंद कर दिया था।
अस्पताल प्रबंधन ने तमाम एक्सरे मशीन को उजाड़ कर हटाने के निर्देश दिए है। कहा जा रहा है कि नई मशीनें मंगवाई जाएगी।पर अस्पताल की दशा देख कर यह लगता नहीं है।
तीन साल से मरीजों को नहीं किया जाता भर्ती
अस्पताल की बदहाली का अंदाजा इस फैसले से लगाया जा सकता है कि करीब तीन साल से यहां किसी भी मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया गया है। दुर्घटनावश कोई मरीज पहुँच गया तो प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है।
अस्पताल बना कुत्तों का बसेरा
अस्पताल में कुल 70 लोग काम करते है। इसमें नर्सेस 7, चार डाक्टर एक मेडिसिन व एक रजिस्ट्रेशन का काम देखते है। सभी वार्डों में ताला जड़ दिया गया है। स्टाफ नजर नही आते है। हाँ कुत्ते का बसेरा जरूर हो गया है।
ऑपरेशन थियेटर में कोई काम नही होती।एक ईसीजी मशीन है। कभी कभा किसी पेसेन्ट का ईसीजी हो जाता है। लैब का काम भी बदहाली का दंश झेल रहा है। कोई लैब टेक्नीशियन नही है। सीएचडी से लैब टेक्नीशियन भेजा जाता है जो साधारण जाँच तक ही सीमित है। यहां काम कम आपस में राजनीति चरम पर है।
नई एक्सरे मशीन मंगवाया जा रहा है। इसलिए यह पुरानी मशीन को हटाकर जगह बनाई जा रही है नवंबर माह में ही नई एक्सरे मशीन फिर स्थापित हो जाने की उम्मीद है -आरडी मिश्रा डिप्टी सीएमओ।

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