welcome to the India's fastest growing news network Monday Morning news Network
.....
Join us to be part of us
यदि पेज खुलने में कोई परेशानी हो रही हो तो कृपया अपना ब्राउज़र या ऐप का कैची क्लियर करें या उसे रीसेट कर लें
1st time loading takes few seconds. minimum 20 K/s network speed rquired for smooth running
Click here for slow connection


करोड़ो की लागत से बन रहे अंडरपास ब्रिज में हो रही घटिया समान का इस्तेमाल

लोयाबाद। लोयाबाद पंजाबी मोड़ के समीप करोड़ो की लागत से बन रहे अंडरपास ब्रिज के कार्य में घोर अनियमितता बरती जा रही है। अंडर पास फ्लाई ओवर बनाने में ओबीआर एवं मृत फायर पत्थर का इस्तेमाल हो रहा है। इस अंडर पास के दोनों तरफ ओबीआर डालकर भरा जा रहा है। गार्ड वाल में फायर प्रोजेक्ट का मृत पत्थर लगाया गया है। जो जाँच का विषय है।

अंडर पास बनाने वाली एयूएम कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा पास में चल रही कोयला खनन की परियोजना से निकाले गए ओबीआर एवं पत्थर का इस्तेमाल कर रही है। कम्पनी धड़ल्ले से नियम को ताक पर रखकर करोड़ों की लागत से बनाई जा रही अंडर पास में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रही है । संबंधित विभाग का कोई भी अधिकारी वहाँ मौजूद नहीं रहते है। साइट पर एस्टिमेट और प्लान की कॉपी नहीं लगाई गई है। कम्पनी का कोई सख्श कुछ बताने को तैयार नहीं है। सारे मैटीरियल्स की जानकारी छुपाई जा रहे है। काम का समय अवधि भी फेल हो चुका है।

करीब 6 कोरोड की लागत से बनने वाली इस अंडर पास को छह महीने में बन जाना था। कोरोना काल में तीन महीने पूरे तरह से काम बन्द रहा। अबतक कम्पनी का काम शुरू किए हुए करीब नौ महीने बीत चुके है। फिर भी 40 प्रतिशत काम बाकी नजर आ रही है।

साइट पर कम्पनी के एक इंचार्ज रौशन कुमार ने बताया कि इस वर्क में पीली मिट्टी डालकर फलाई ओवर बनाना है। मिट्टी दूसरे जगह से मंगाया जा रहा है। उन्होंने ओबीआर मिट्टी एवं परियोजना का पत्थर लगाने से इनकार किया है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ कर रही है। बताया जाता है कि करकेन्द कतरास मुख्य मार्ग के पंजाबी मोड़ के पास अंडर पास का निर्माण करीब नौ महीने से चल रहा है। छः महिला की अवधि में वर्क पूरा कर लिए जाने की योजना थी। लेकिन काम अभी अधूरा है। इस अंडर पास से बीसीसीएल के कोयला खनन की वाहन कोयला एवं ओबीआर लेकर नीचे से गुजरेगा जबकि फ्लाई ओवर से सार्वजनिक वाहन आवागमन होगा। अंडरपास बनाने वाली कम्पनी द्वारा काम शुरू करने से पहले एक डायवर्सन रुट भी तैयारी किया गया था। जो अब काफी जर्जर हो चुकी है। बारिश के समय यहाँ का नज़ारा काफी खतरनाक हो जाता है। जानकार बताते है कि गार्ड वाल में स्टोन पत्थर लगाया जाता है। एवं फ्लाई ओवर में ठोस मिट्टी डाली जाती है पंरतु यहाँ सभी मानको की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है।

फ्लाई ओवर में ओबीआर का इस्तेमाल ग़लत -एसएचएजे

स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड के अधिकारी रवि शंकर से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि एयूएम कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा गलत तरीके से फ्लाई ओवर बनाने में ओबीआर का इस्तेमाल किया जा रहा था।हमारी टीम द्वारा जब निरिक्षण किया गया तो इसमें गड़बड़ी पाई गई। कंपनी को सख्त निर्देश दिया गया है कि ओबीआर हटाकर अच्छे किस्म का ठोस मिट्टी का उपयोग किया जाए। ऐसा नहीं करने पर कंपनी को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।

Last updated: सितम्बर 14th, 2020 by Pappu Ahmad
Pappu Ahmad
Correspondent, Dhanbad
अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें

पाठक गणना पद्धति को अब और भी उन्नत और सुरक्षित बना दिया गया है ।

हर रोज ताजा खबरें तुरंत पढ़ने के लिए हमारे ऐंड्रोइड ऐप्प डाउनलोड कर लें
आपके मोबाइल में किसी ऐप के माध्यम से जावास्क्रिप्ट को निष्क्रिय कर दिया गया है। बिना जावास्क्रिप्ट के यह पेज ठीक से नहीं खुल सकता है ।
  • झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें



    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View

    पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें



    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View
  • ट्रेंडिंग खबरें
    ✉ mail us(mobile number compulsory) : [email protected]
    
    Join us to be part of India's Fastest Growing News Network