आखिर कब तक चलेगा ब्लू ह्वेल के मौत का यह खेल …?

विफल साबित हो रहे हैं ब्लू ह्वेल गेम रोकने के सरकारी प्रयास

खतरनाक ब्लू ह्वेल गेम ने एक और जान ले ली है।

ताज़ा मामले में उत्तर प्रदेश मौदहा कस्बे के कक्षा 6 के छात्र ने फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी

फंदे से लटके छात्र के हाथ में मोबाइल फोन था और उसमें ब्लू ह्वेल गेम चल रहा था।
13 वर्षीय छात्र ने ब्लू ह्वेल गेम के आखिरी चैलेंज को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया था।
परिवार का एकलौता पुत्र था मृतक छात्र
मौधा कस्बे के मिशन कंपाउंड निवासी विक्रम सिंह का इकलौता पुत्र था मृतक छात्र पार्थ सिंह ।
अपने पिता के मोबाइल से चोरी-चोरी छिप खेला करता था यह गेम ।
एकलौते पुत्र के मौत से परिवार में मातम छा गया।

आत्महत्या के लिए ही बनाया गया है ब्लू ह्वेल गेम

खतरनाक कारनामों के लिए यंग लोगों को उकसाने वाला ऑनलाइन गेम ब्लू-वेल चैलेंज पिछले काफी समय से भारत में चर्चित है.
लगभग 50 दिन तक चलने वाले इस खेल में खिलाड़ी को 50 टास्क् करने होते हैं,
जिनमें से कई में खुद को नुकसान भी पहुंचाना होता है.
इस खेल के आखिर में प्रतिभागी को सुइसाइड करना होता है.
इस पूरे खेल के दौरान खिलाड़ी को अपने सभी कारनामों के विडियो बनाकर इंस्ट्रक्टर को भेजने होते हैं.

एक सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में इस गेम की वजह से लगभग 130 मौतें हो चुकी हैं

वही भारत में भी कई किशोर इसके चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.
ताजा उदहारण पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर की आठवी कक्षा की छात्रा अरुचि कुमारी का मामला है।
अरुचि का शव उसके कमरे में झूलता हुआ मिला.
पुलिस व परिजन इस खुदकशी का कारन ब्लू-वेल गेम को ही मान रहे है.
दूसरी ओर स्कुलों में इस गेम को लेकर बच्चो को जागरूक किया जा रहा है.
और कई स्कुलो में तो स्मार्ट फोन, टेबलेट आदि को बैंड कर दिया गया है.

एक नजर मौत की खेल पर

जानकारी के अनुसार इस खेल की शुरुआत 2013 में रूस से हुई थी

सोशल नेटवर्किंग साइट वी-कान्टेक्ट के एक ग्रुप एफ-57, जिसे डेथ ग्रुप कहा जाता था।
डेथ ग्रुप की वजह से पहली मौत 2015 में हुई.

रूस की एक यूनिवर्सिटी से बाहर किए गए स्टूडेंट ने यह गेम बनाने का दावा किया है

22 वर्षीय रूसी नागरिक "फिलिप बुदेकिन" ने पुलिस के समक्ष ये कबूला है कि यह गेम उसने ही बनाया है।
22 वर्षीय रूसी नागरिक “फिलिप बुदेकिन” ने पुलिस के समक्ष ये कबूला है कि यह गेम उसने ही बनाया है। इस गेम के जरिये समाज से ऐसे लोगों को समाप्त कर रहे हैं जो कि इस इस समाज के लिए किसी काम के लायक नहीं है। उन्होने कहा कि उनके शिकार खुशी से मरते हैं , कोई दबाव से नहीं

रूस की एक यूनिवर्सिटी से बाहर किए गए स्टूडेंट फिलिप बुदेकिन ने दावा किया था कि उसने यह खेल बनाया है,
उसके मुताबिक उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह चाहता था कि समाज साफ हो जाए.
उसका दावा है कि ऐसे लोगों को खुदखुशी के लिए उकसाया जाये जो इस समाज के लिए अनावश्यक है.
उसे 16 टीनेजर्स को कुदकुशी के लिए उसकाने के आरोप में गिराफ्तार कर लिया गया.
11 मई को बुदेकिन को आरोपी करार देकर 3 साल की सजा दे दी गई.

ब्लू-व्हेल का संबंध व्हेल के सुइसाइड से है

पानी में रहने वाले स्तनधारी जीव समुद्र के किनारे पर चले जाते हैं.
वहां उनकी डिहाइड्रेशन, अपने खुद के वजन या हाई-टाइड की वजह से मौत हो जाती है.

भारत में ब्लू-व्हेल चैलेंज की वजह से मौतों का सिलसिला 30 जुलाई  से शुरू हुआ

भारत में ब्लू-व्हेल चैलेंज की वजह से मौतों का सिलसिला तब शुरू हुआ जब
30 जुलाई को मुंबई में एक 14 साल के बच्चे ने कथित तौर पर एक इमारत से कूदकर अपनी जान दे दी थी.
बताया जाता है कि उसने अपनी स्कूल डायरी में पहले के 50 स्टेज के बारे में लिख रखा था.
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 12 अगस्त को 10वीं क्लास के एक बच्चे का मृत शरीर पाया गया.
उसका सिर प्लास्टिक में लिपटा हुआ था और उसके गले में एक रस्सी बंधी हुई थी.

दुनिया भर में हो रही है मौतें

वेनेजुएला में 26 अप्रैल को एक 15 साल के बच्चे ने कथित तौर पर इस खेल के लिए जान दे दी.
ब्राजील में क्रिश्चियन सोशल पार्टी के पास्टर ने दावा किया कि उसकी भतीजी ने इस खेल के चलते अपनी जान दे दी.
एक 15 साल की छात्रा को उसकी जान लेने के ठीक पहले ही रोक लिया गया.
उसके हाथ पर वेल के शेप में कई कट्स लगे थे.
एक 17 साल के बच्चे ने खुदकुशी की कोशिश से पहले फेसबुक पर लिखा-
‘ब्लेम इट ऑन द व्हेल्स यानी इसका दोष ‘व्हेल्स’ पर लगाया जाए.
अर्जंटीना में एक 16 साल के बच्चे ने फाइनल स्टेज के लिए अपनी जान दे दी
वहीं एक 14 साल के बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

इटली में मार्च में अखबारों में इस खेल की चर्चा हुई

इसे असली रूसी खेल करार देते हुए इसके नियमों के बारे में बताया गया.
कुछ दिन बाद एक टीनएजर की खुदकुशी को इस खेल से जोड़कर देखा गया.
कीनिया में नैरोबी में एक स्टूडेंट ने 3 मई को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
पुर्तगाल में 18 साल की एक लड़की को रेलवे लाइन के पास पाया गया.
उसके हाथ पर कई चोटें पाई गई. उसने बताया कि उसे किसी ब्लू-व्हेल नाम के शख्स ने उकसाया था.
सऊदी अरब में 5 जून को एक 13 साल के बच्चे ने अपने प्ले स्टेशन के तारों से खुद की जान लेने की कोशिश की.
यह इस खेल का सऊदी में पहला मामला था।
चीन एक 10 साल की बच्ची ने खेल के चलते खुद को नुकसान पहुंचाया और एक सुइसाइड ग्रुप भी बनाया.

अब वहां इस खेल पर कड़ी नजर रखी जा रही है

रूस में मार्च, 2017 में प्रशासन ने इस खेल से जुड़े मामलों की जांच शुरू की.
फरवरी में 15 साल के 2 बच्चों ने साइबेरिया में एक इमारत से कूदकर जान दे दी.
ऐसा कदम उठाने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर एक व्हेल की फोटो शेयर करते हुए कैप्शन दिया “द एंड….”

भारत ने ब्लू ह्वेल के सभी लिंक हटाने के दिये निर्देश

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और याहू से
इस खेल से जुड़े लिंक्स हटाने के निर्देश दिए हैं.
इससे पहले महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने इस खेल पर बैन लगाने की मांग की थी.
रूसी संसद ने सोशल मीडिया पर खुदकुशी को बढ़ावा देने वाले ग्रुप बनाने को अपराध के दायरे में
रखने संबंधी बिल को 26 मई को पास किया.
राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने नाबालिग बच्चों को खुदकुशी के लिए उकसाने पर क्रिमिनल पेनल्टी
लगाने को लेकर एक कानून पर भी हस्ताक्षर किए.
इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 6 साल तक की सजा हो सकती है.

इन पर भी ध्यान दे

गोस्ट-पेपर चैलेंज : – इस खेल में दुनिया की सबसे तीखी मिर्च श्भूत जोलोकियाश् का इस्तेमाल किया जाता है, इसे मुंह में रखना होता है इसकी वजह से कई बार लोगों को अस्पताल के चक्कर लगामे पड़ते हैं.

सिनमन (इलायची) चैलेंज : – इसमें चम्मच भर इलायची बिना पानी के निगलनी होती है, इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत के चलते कई बार व्यक्ति की मौत हो तक हो जाती है.

चोकिंग चैलेंज : – लोग नशा करने की जगह खुद का गला दबाकर श्यूफोरियाश् या नशे के असर जैसा फील करने लगते हैं, दरअसल, गला दबाने से ऑक्सिजन की सप्लाइ कम हो जाती है जिससे व्यक्ति को कुछ देर के लिए यूफोरिया फील होता है. माना जाता है कि इसके चलते हर साल युएस में 250 से 1000 जानें चली जाती हैं.

आइस ऐंड सॉल्ट चैलेंज : – इसमें पहले अपने शरीर पर नमक डालना होता है और इसके तुरंत बाद उस जगह पर बर्फ रखनी होती है, इससे जलने जैसा महसूस होता है. इसको जीतने के लिए सबसे लंबे समय तक दर्द को बर्दाश्त करना होता है.

कार-सर्फिंग चैलेंज : – इसमें किसी सोफा, स्केटबोर्ड या किसी ऐसी चीज पर चलती गाड़ी की छत या हुड पर बैठना होता है, इसकी वजह से कई लोगों की मौतें हुईं है.

Last updated: अक्टूबर 4th, 2017 by News Desk

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