झरिया – शोमवार को सुहागिनें करेंगी हरितालिका तीज का व्रत
सोमवार को महिलाएं करेंगी हरितालिका तीज का व्रत
धनबाद – अखंड सौभाग्यवती के लिए इस बार सोमवार को महिलाएं हरितालिका तीज का व्रत करेंगी। पप्रत्येक वर्ष हरितालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष तृतीया तिथि का प्रवेश विश्वकर्मा पूजा के दिन ही 17 सितंबर को हो रहा है।
पंचांग के अनुसार 17 को दिन के 11.09 बजे से 18 सितंबर को दिन के 12.39 बजे तक ही तृतीया तिथि है। ऐसे में कई लोगों के बीच इस बात को लेकर संशय है कि संध्या में हरितालिका तीज का पूजन कैसे होगा, जबकि 18 को दिन के 12.40 बजे तिथि समाप्त हो जा रही है। इस तिथि व काल को मानें तो 18 सितंबर को प्रात: 6.07 बजे से सुबह 8.34 बजे तक ही पूजन का शुभ मुहूर्त बन रहा है। पूजा की कुल अवधि मात्र दो घंटे 27 मिनट ही हो रही है।वहीँ तृतीया तिथि 18 को दोपहर 12:39 बजे तक ही है, लेकिन यह तृतीया तिथि चतुर्थी युक्त है। शास्त्रों में स्पष्ट अंकित है कि चतुर्थी सहिताय यातु सातृतीया फलप्रदा: अर्थात चतुर्थी युक्त तृतीया तिथि में हरितालिका तीज का व्रत शुभ फल देने वाला है। इसलिए पूरे दिन और संध्या में भी हरितालिका तीज का व्रत पूजन किया जा सकता है।जबकि
परंपरा के अनुसार व्रति मिट्टी और बालू से बनी भगवान शंकर-पार्वती की प्रतिमा बनाकर निर्जला व्रत करेंगी। संध्या में चौक सजाकर महिलाओं की मंडली पुरोहित की अगुवाई में पूर्ण विधि-विधान के साथ भगवान की पूजा करेंगी। इससे पूर्व गोबर से बने प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की वंदना की जाएगी। पूजा में नए वस्त्र, बांस के सूप और डलिया, शृंगार की सामग्री, अंकुरित चने का महत्व है।वहीँ
व्रती अगले दिन 19 सितंबर दिन मंगलवार को पारण करेंगी।जबकि अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार कोई गुड़, कोई जौ के सत्तू से तो कोई गन्ने के रस से पारण करती हैं। इस बार पारण के दिन मंगलवार को भद्रा का प्रकोप है। सोमवार देर रात 1.15 बजे ही भद्रा लग जाएगा, जो 19 सितंबर मंगलवार को दिन के 1.43 बजे तक रहेगा। ऐसे में भद्रा के कारण पारण को लेकर व्रतियों में संशय है। इस भद्रा का वास पाताल लोक में हो रहा है, जो कि पृथ्वीवासियों के लिए शुभकर है। इसलिए व्रती प्रात: काल में सूर्योदय के उपरांत पारण कर सकती हैं। मंगलवार को धनबाद में सूर्योदय प्रात: 5.35 बजे हो रहा है। इस दिन गणेश उत्सव भी है, कुलमिलाकर यह व्रत एक सुहागिन के लिए सदा ही मनवाच्छीत फल देने वाला माना गया हैँ इसलिए तीज व्रत को सुहागिनें बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाते हैँ

Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें

Quick View
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें

Quick View