झरिया, प्योर बोर्रागढ़ का यह फुटबॉल ग्राउंड आज भी अपने जीर्णोद्धार के लिए किसी रहनुमा का इंतजार कर रहा हैँ कि कब होगा मेरा भी कायाकल्प??
झरिया, प्योर बोर्रागढ़ का यह फुटबॉल ग्राउंड आज अपने आप से पूछ रहा हैँ कि कब होगा हमारा जीर्णोद्धार और पूछा जा रहा हैँ यहाँ के जनप्रतिनिधियों से कब उनकी कृपा दृष्टि इस फुटबॉल ग्राउंड पर पड़ेगी जबकि आज दोपहर में ज़ब इन छोटे छोटे नाबालिक लड़कों को इस फुटबॉल ग्राउंड को सफाई करते हुए हमारे मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क के संवाददाता ने देखा तो एक बार मन में अवश्य ख्याल आया कि इन मासूम बच्चों को कौन समझाये कि अभी आप लोग बहुत छोटे हो किन्तु वे लोग अपने काम में इतने मसगुल थे कि ज्यादा बात करना सही नहीं लगा किन्तु इस तरह के कार्यों की जिम्मेदारी यहाँ के जनप्रतिनिधि की होनी चाहिए फिर कमी कहाँ रह गई हैँ यह सवाल तो करना लाजिमी हो जाता हैँ जब बात आ जाती हैँ आम जनसमस्या की तब सबके सब अपनी बगले झांकने जो लग जाते हैँ जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए समस्या हैँ तो उसका समाधान भी हैँ अगर नहीं हैँ तो वो हैँ इच्छाशक्ति की जो की स्वयं में जगाने से होगा आज यह बच्चे इस फुटबॉल ग्राउंड को स्वयं साफ सफाई करके एक सन्देश तो अवश्य उन जनप्रतिनिधियों को दे रहे हैँ कि यह जनता जनार्दन सब देख रही हैँ और समझ भी रही हैँ कि कैसे एक छोटे से इस फुटबॉल ग्राउंड को भी साफ सफाई करने में कितना दर्द और परेशानी उठानी पड़ रही हैँ वहीँ क्षेत्र में कई लोग इस फुटबॉल ग्राउंड में मॉर्निंग वाक के साथ खेल कूद भी करते हैँ तो किया यहाँ के जनप्रतिनिधि का फ़र्ज नहीं बनता हैँ कि वे स्वयं संज्ञान लेकर इस फुटबॉल ग्राउंड के जीर्णोद्धार हेतु कोई कदम उठाये जिससे की आम जनता के नजर में उनका मान और सम्मान बरकरार रहे,
संवाददाता, श्रीकांत कुमार की रिपोर्ट,

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