✍️ इंडिया मैच क्यों हारा ??✍️ लेखक सह पत्रकार ( अरुण कुमार )
इंडिया मैच क्यों हारा ?????, इस सवाल का जवाब सवाल में ही हैँ क्योंकि माँ छठ की महिमा से आप खिलवाड़ करेंगे ये अधिकार आपलोगों को किसने दिया जबकि माँ छठ की आस्था से खिलवाड़ करने का हक किसी को भी नहीं हैँ वहीँ मात्र 11 खिलाड़ियों ने पुरे भारत के 140 करोड़ लोगों को बाँध के रख दिया था यहीं गड़बड़ हो गई हैँ वहीँ लगभग सभी माँ छठ के इस पावन पर्व के मौके पर अरग देने के बजाय अपने टी वी और मोबाइल फ़ोन में व्यस्त हो चले थे जो की सरासर गलत था चुकि माँ छठ की एक खास मान्यता हैँ हमसबमें हैँ इनकी खासियत का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैँ कि यहीं एक पर्व हैँ जिसमें की किसी भी व्यक्ति के द्वारा किसी प्रकार का आदेश पारित नहीं किया जाता हैँ कि आपको किया करना हैँ और किया नहीं करना हैँ लोग स्वयं मांस,मछली,मदिरा,यहाँ तक की लहसुन और प्याज़ तक का सेवन भी त्याग देते हैँ और तो और साफ सफाई के किया कहने, जबकि पान व पुड़िया खाने वाले भी कहीं अपने थूक को फेंकने से भी डरते हैँ ऐसी हैँ माँ छठ की महिमा और आप 11 खिलाडी छठ माँ की महिमा को धूमिल करने का प्रयास एक प्रयोग की भांति करेंगे ये तो माँ छठ होने नहीं देंगी यहीं सत्यता भी हैँ जबकि बी सी सी आई को भी आज के दिन को छोड़कर मैच का कार्यक्रम को रखना था किन्तु पैसे व ग्लाईमर की चकाचौंध में आप सब अंधे बन गए हैँ उसी की सजा आपके खिलाड़ियों के साथ साथ पुरे भारत के क्रिकेट प्रेमी को भी मिली हैँ यहाँ तक की ना कोई नेता और ना ही कोई अभिनेता ही अपनी आवाज़ को बुलंद किए की माँ छठ का पर्व हैँ और मैच को अगले दिन खेला जाए क्योंकि एक दिन बढ़ने से कोई दिक्कत भी नहीं थी सब के सब मजा ले रहे थे जिसका फल मिलना जरुरी था सबको लगता हैँ कि यह पर्व केवल बिहारियों का ही हैँ ये तोसरासर गलत हैँ इसी का सजा मिला हैँ वैसे एक कहावत हैँ कि अब पछताये होत किया जब चिड़िया चुग गई खेत 🤔🤔 तो अगली बार से ध्यान अवश्य दें की एक और माँ हैँ जिसे कोई आज तक नहीं देखा हैँ किन्तु वो साक्षात् में हैँ जिसे हमसब माँ छठ के नाम से जानते हैँ जय छठ माँ,
सबों को आभार,
अरुण कुमार

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