राजमार्ग से सटे पुराना चौरंगी फाड़ी की जमीन पर अवैध कब्जा
कुल्टी। कुल्टी थाना के वार्ड नंबर 16 अंतर्गत राष्ट्रीय राज्यमार्ग प्राधिकरण के अधीन एंव पुराने चौरंगी फाड़ी की भूमि पर स्थानीय लोग द्वारा अतिक्रमण शुरू हो गया है।
वही इस अतिक्रमण के पीछे भाजपा नेता ने स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया है।
उनका आरोप है की स्थानीय तृणमूल नेताओं के सहयोग से एनएचआई की भूमि को धीरे धीरे स्थानीय लोग अतिक्रमण कर रहे।
बतातें चलें कि राष्ट्रीय राज्यमार्ग के चोड़ीकरण के दौरान राष्ट्रीय राज्यमार्ग से सटे चौरंगी पुलिस फाड़ी को स्थानांतरित कर जमीन को एनएचआई ने अधिग्रहण कर लिया था।
जिसके बाद एनएचआई ने पुराने फाड़ी के कुछ हिस्से को ध्वस्त कर सर्विस सड़क का निर्माण किया और बाकी जमीन को फिलहाल खाली रखा है।
जिस पर स्थानीय एक चाय दुकानदार ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया और स्थायी तौर पर दुकान का निर्माण कर रहा था।
हालांकि मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुँचे एनएचआई अधिकारी ने कार्य को बंद करा दिया एंव पुनः कार्य या अतिक्रमण करने पर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी है, जिसके बाद से निर्माण कार्य बंद है।
भाजपा नेता टिंकू वर्मा ने आरोप लगाया है कि नगर निगम मेयर ने निगम क्षेत्र में कई अतिक्रमण एंव अवैध निर्माण को ध्वस्त किया।
उसी नगर निगम के वार्ड 16 में राष्ट्रीय राज्यमार्ग प्राधिकरण की भूमि पर सड़क किनारे पहले अस्थाई दुकान बना कर अतिक्रमण किया जा रहा है बाद में उसे स्थायी रूप से अतिक्रमण कर लिया जा रहा है जो कि पूर्ण रूप से अवैध है।
उन्होंने ने बताया कि स्थानीय बेरोजगार युवक-युवतियां जीविकोपार्जन के लिए अस्थायी चाय की दुकानें बना सकते हैं। आज कुछ लोग सड़क किनारे विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की भूमि पर, स्थायी इमारत बना रहे है, जो अनैतिक है।
अगर सरकारी जमीन लूटने का यह धंधा अविलंब बंद नहीं हुआ तो वे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल एंव कुल्टी विधायक अजय पोद्दार के नेतृत्व में आंदोलन करेंगे।
वही मामले में बीजेपी कि इस शिकायत को बेबुनियाद बताते हुए स्थानीय तृणमूल नेता सुभाशीष मुखर्जी ने कहा कि तृणमूल कभी भी सरकारी जमीन के जबरन अतिक्रमण में समर्थन नहीं करती।
यदि स्थानीय लोग जीविका के लिए अस्थायी दुकानें स्थापित करते हैं, तो उन्हें मानवीय दृष्टिकोण से देख कर छोड़ देना चाहिये।
उन्होंने ने कहा कि मामले में जिला प्रशासन एमवीआई कार्यालय व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अपनी जमीन माप करके उसे वापस ले सकती है।
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