welcome to the India's fastest growing news network Monday Morning news Network
.....
Join us to be part of us
यदि पेज खुलने में कोई परेशानी हो रही हो तो कृपया अपना ब्राउज़र या ऐप का कैची क्लियर करें या उसे रीसेट कर लें
1st time loading takes few seconds. minimum 20 K/s network speed rquired for smooth running
Click here for slow connection


एचआईवी -एड्स दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है इसके लिए जागरूक होना बेहद जरूरी -मुकुंद साव

एचआईवी – एड्स लाइलाज बीमारी है, और दुनिया का सबसे घातक बीमारियों में से एक है जो मनुष्य की रोग – प्रतिरोधक क्षमता को समाप्त कर देती है, एवं विभिन्न बीमारियों को जन्म देने में सक्षम हो जाती है। ऐसे में जागरूकता जरूरी है। उक्त जानकारी प्रेस मीडिया के माध्यम से एचआईवी- एड्स उन्मूलन अभियान के पूर्व प्रशिक्षक, छोटानगपुर सांस्कृतिक संघ के जागृति परियोजना के सह समन्वयक और जनशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षण प्रभारी मुकुंद साव ने दी। उन्होंने बताया कि समाज में एचआईवी- एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एवं इस बीमारी के शिकार व्यक्तियों को समाज में उचित एवं सम्मानपूर्ण अधिकार दिलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1988 से प्रति वर्ष 01 दिसंबर को पूरे विश्व में एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी। जो आज भी 01 दिसंबर को प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है और इसके माध्यम से लोगो को एचआईवी- एड्स के लक्षण, बचाव एवं एचआईवी संक्रमित भ्रांतियों को दूर करने के साथ ही इसके शिकार व्यक्तियों को समाज में उचित सम्मान हेतु प्रोत्साहित किया जाता रहा है, ताकि समाज इनका बहिष्कार न करे, मुकुंद साव ने कहा कि एचआईवी- एड्स के बारे में जागरूकता ना होना भी इस रोग को फैलने का बड़ा कारण है। एचआईवी – एड्स होने के कई कारण है जिसमे असुरक्षित यौन संबंध बनाना, संक्रमित सूई साझा करना, संक्रमित रक्त चढ़ाने से संक्रमित मां के बच्चे में एचआईवी -एड्स की संभावना अधिक रहती है। इसलिए समय समय पर रक्त की जांच कराना आवश्यक है। श्री साव ने बताया कि वर्तमान समय तक भी एचआईवी -एड्स से बचाव के लिए प्रभावी उपाय नहीं खोजा जा सका है। ऐसे में बचाव ही इस बीमारी से बचने का मात्र उपाय है। इस बीमारी के कारकों में असुरक्षित यौन संबंध सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है और ऐसे में सभी नागरिकों को इस सम्बंध में सावधानी बरतनी चाहिए। स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों जैसे एएनएम, आंगनवाड़ी सेविकाएं, स्वास्थ्य सहिया ,जल सहिया को भी समाज को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए और स्वास्थ्य केन्द्रों को भी इस अवसर पर जागरूकता शिविर आयोजित करना चाहिए तथा बड़े पैमाने पर चर्चा परिचर्चा करानी चाहिए,ताकि 2030 तक जो (WHO )विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरे विश्व से एचआईवी – एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। उसपर सफलता पाया जा सके, आज विश्व एड्स दिवस के अवसर पर हम सबको सावधानी बरतने के लिए संकल्प लेने की जरूरत है और समाज को जागरूक करने के लिए भी प्रतिबद्ध रहने की जरूरत है।

Last updated: दिसम्बर 1st, 2022 by Aksar Ansari
Aksar Ansari
Correspondent Chouparan (Hazaribag, Jharkhand)
अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें

पाठक गणना पद्धति को अब और भी उन्नत और सुरक्षित बना दिया गया है ।

हर रोज ताजा खबरें तुरंत पढ़ने के लिए हमारे ऐंड्रोइड ऐप्प डाउनलोड कर लें
आपके मोबाइल में किसी ऐप के माध्यम से जावास्क्रिप्ट को निष्क्रिय कर दिया गया है। बिना जावास्क्रिप्ट के यह पेज ठीक से नहीं खुल सकता है ।
  • झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें



    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View

    पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें



    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View
  • ट्रेंडिंग खबरें
    ✉ mail us(mobile number compulsory) : [email protected]
    
    Join us to be part of India's Fastest Growing News Network