97 करोड़ रुपये खर्च के बाद भी खुदिया वीयर योजना का काम नहीं हुआ पूरा, जर्जर हुआ नहर
धनबाद में 97 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी खुदिया वीयर योजना का का काम पूरा नहीं हो पाया है। इसकी स्थिति अभी भी जर्जर बनी हुई है। जिससे किसानों को खेती करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।
धनबाद। 97 करोड़ की खुदिया वीयर योजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है. योजना का शिलान्यास 18 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ऑनलाइन किया था। लेकिन अबतक यह कार्य अधूरा पड़ा है। इस योजना का मकसद था कि योजना के पूरा होने के बाद तीन प्रखंडों में बसे किसानों के खेतों की सिंचाई में आसानी हो लेकिन अब यहाँ के किसान बेहद परेशान हैं।
खुदिया वीयर योजना का कार्य अधूरा
साल 1971 में गोविंदपुर प्रखंड के धोवाटांड़ गाँव में बांध का निर्माण कराया गया था। इसके पुनरुद्धार के लिए 85 करोड़ की योजना पास की गई थी, जिसे मैनुअल करना था। बाद में मशीन से कार्य कराने को लेकर इसकी राशि बढ़ाकर 97 करोड़ कर दी गई। योजना का ऑनलाइन शिलान्यास 18 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था। योजना के तहत खुदिया नदी से निकली नहर के दोनों ओर स्लैब बनाना था। जिले के तीन प्रखंड गोविंदपुर, निरसा और टुंडी के किसानों को खेती की सिंचाई के लिए सुविधा प्रदान करना योजना का मुख्य मकसद था। खुदिया वीयर योजना से 27 गाँवों के 4200 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकती थी। करीब 2 लाख किसानों को लाभ मिल पाता। इस योजना को साल 2019 में ही पूरा किया जाना था, लेकिन अबतक यह कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।
क्या है स्थिति
खुदिया नदी से निकली नहर के दोनों ओर बनाई गई स्लैब जहाँ तहाँ से टूट गए हैं। नहर के बीचोबीच एक दो नहीं दो बल्कि कई स्थानों पर मिट्टी का ढेर पड़ा हुआ है। नहर एक दूसरे से कनेक्ट भी नहीं है। यहाँ तक कि कई स्थानों पर नहर निकला ही नहीं है. जब से इस योजना पर कार्य शुरू किया गया तब से लेकर अब तक यहाँ के किसान खेती नहीं कर पा रहें हैं। कार्य शुरू होने के बाद नहर में जो पानी पहले आता था वह भी आना बंद हो चुका हैं।जिसके कारण किसानों की परेशानी पहले से ज्यादा बढ़ गई है।
किसानों के लिए खेती करना मुश्किल
साल 2016 से जब यहाँ योजना कार्य शुरू हुआ तब से यहाँ कृषि कार्य प्रभावित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कार्य के शुरू के साथ ही यहाँ खेती करना मुश्किल हो गया है. पहले जो पानी खेती के लिए मिलती थी, वह भी अब नहीं मिल रहा है. अब खेती का कार्य पूरी तरह से बंद है। पक्की नहर बन रही है लेकिन वह भी टूट रहा है। इंजीनियर साहब आते हैं, उन्हें शिकायत भी करते हैं लेकिन वह नहीं सुनते हैं।
नहीं दिख रहा नहर का काम
झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष का कहना है कि कार्य में भारी अनियमितता बरती गई है। उन्होंने कहा कि योजना की राशि का 90 फीसदी भुगतान कर दिया गया है। इसके बावजूद नहर का काम कहीं नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि संवेदक ने इस कार्य में भारी लूट खसोट की है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत की गई थी। जिसके बाद उन्होंने जाँच के आदेश दिए हैं। जाँच के आदेश के बाद संवेदक आनन-फानन में कार्य पूरा कराने में जुटे हैं।
डीडीसी योजना को पूरा करने की करेंगे कोशिश
इस मामले पर जिले के डीडीसी ने अपनी अनिभिज्ञता जताई. उन्होंने कहा कि यह योजना अबतक पूरी नहीं हुई है। जल संसाधन तेनुघाट बोकारो के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे कोशिश करेंगे कि यह योजना जल्द पूरी हो और किसानों को इसका लाभ मिल सके।

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