मांगों की पूर्ति के लिए 10 मार्च से विद्युत कर्मी आंदोलन पर जाएँगे
धनबाद/कतरास। झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन का आज एक बैठक बिजली ऑफिस तिलाटांड़ में की गई बैठक को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महामंत्री राम कृष्णा सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विभिन्नय मांगों की पूर्ति के लिए कई बार ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड प्रबंधक रांची से द्विपक्षीय लिखित समझौता हुआ, लेकिन प्रबंधन टालमटोल की नीति को अपनाते हुए मांगों की उपेक्षा करता रहा सिंह ने बताया कि बिहार में कर्तव्य निर्वाहन की अवधि 24 ×7 के चलते 6% विशेष ऊर्जा भत्ता 2017 में ही लागू कर दिया गया, लेकिन वार्ता में तय होने के बावजूद झारखंड में इसे लागू नहीं किया गया, जबकि 403 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व की वसूली की गई। आज 12 साल से काम करा कर मजदूरों को अधिकार भत्ता का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
कल अवधि समाप्त होते प्रमोशन देना है लेकिन नहीं दिया जा रहा है स्नातक कर्मी को लिपिक नहीं बनाकर उसका शोषण किया जा रहा है जिससे कर्मियों में काफी असंतोष है एवं बाध्य होकर विद्युत कर्मी 10 मार्च से राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे जिसमें धरना जुलूस गेट मीटिंग हड़ताल शामिल है सिंह ने यह भी बताया कि बजट सेशन में वित्त मंत्री ने डिक्लेअर कर दिया कि उपभोक्ता किसी भी कंपनी से बिजली खरीद सकेंगे यानि कि सीधे DVC एनटीपीसी से बिजली ले सकेंगे फिर वर्ल्ड बैंक से लोन लेकर आधारभूत संरचना ग्रिड पर ग्रिड बनाने नया सब स्टेशन बनाने ट्रांसमिशन का जाल बिछाने का क्या जरूरत है? सिंह ने मुख्यमंत्री से झारखंड बचाने हेतु अपील किया है, ताकि निजी करण को रोका जाए नहीं तो निजीकरण के दिन से ही झारखंड को बचाने के लिए विद्युत कर्मियों को हड़ताल पर जाना पड़ेगा बैठक में उपेंद्र पटेल रामकेवल मोहन दीपक कुमार ठाकुर प्रीति लकड़ाश्रीकांत भैया राजेश्वर सिंह दिनेश वर्मा झारी महतो रामेश्वर शशिकांत ठाकुर चमरू भुंया सहित दर्जनों लोग बैठक में उपस्थित थे।

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