ईसीएल सुरक्षा टीम पर झारखण्ड नोला में जानलेवा हमला, कई सुरक्षा कर्मी घयाल, आठ गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त
सालानपुर । पश्चिम बंगाल में सीबीआई द्वारा कोयला तस्करों पर नकेल कसने के बाद अब कोयला तस्कर झारखंड के जामताड़ा जिले के नौला थाना क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। अनुमान है कि वहाँ से प्रतिदिन सैकड़ों टन अवैध कोयला से लदी ट्रक को जामताड़ा पुलिस के नाक के नीचे अन्य राज्यों में भेजे जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अवैध खनन की गुप्त सूचना के आधार पर ईसीएल के सुरक्षा अधिकारियों ने टीम गठित कर शुक्रवार ईसीएल मुख्यालय श्रीपुर,सालानपुर और अन्य क्षेत्र के दर्जनों सुरक्षाकर्मियों के साथ 11 गाड़ियों के काफिले के साथ अवैध खनन स्थल पर पहुँचे थे ।
ईसीएल सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि जब वे लोग नोला कास्ता इलाके में पहुँचे तो उन लोगों ने देखा कि वहाँ अवैध खनन कर हजारों टन कोयला रखा हुआ है जबकि 50 से अधिक ट्रकें कोयले से लदी खड़ी है। दृश्य देख अवैध कोयला से लदी 20 ट्रकों को ईसीएल सुरक्षाकर्मियों ने जब्त कर ली। घटना की सूचना मिलते ही कोयला तस्करों के साथ लगभग 500 से अधिक ग्रामीण एकत्रित होकर सुरक्षाकर्मियों पर पथराव और लाठी डंडा से जानलेवा हमला करना शुरू कर दिया, जिसमें दर्जनों सुरक्षाकर्मी और अधिकारी घायल हो गए।
सुरक्षाकर्मियों ने पहले अपना बचाव करना चाहा। लेकिन उपद्रवियों की संख्या बल को देखते हुए ईसीएल टीम के सदस्यों को जान बचाने के लिए पास के झाड़ियों में छुपना पड़ा। घटना के डेढ़ घंटे के बाद जामताड़ा एसपी ने फोन कर ईसीएल टीम सदस्यों को बाहर निकलने को कहा। घटना स्थल पर जामताड़ा के डीएसपी पुलिस बल के साथ खड़े थे, झाड़ियों से निकल ईसीएल के सुरक्षाकर्मियों ने देखा कि उनके आठ निजी वाहनों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है कोई भी गाड़ी चलने की अवस्था में नहीं थी। स्टेपनी भी चुरा ली गई थी। साथ ही श्रीपुर एरिया सुरक्षा अधिकारी की हथियार भी छीन लिए जाने की सूचना है ।
ईसीएल के सुरक्षा प्रमुख मुकेश कुमार की मारुति स्विफ्ट डिजायर को पलट दिया गया। डीएसपी के मौजूदगी में भी एक बार फिर कोयला माफियाओं ने ईसीएल टीम के सदस्यों पर हमला कर दिया। डीएसपी ने किसी तरह से ईसीएल टीम के सदस्यों को नौला थाना तक पहुँचाई। पूरे प्रकरण में जामताड़ा पुलिस की कार्यवाही संदिग्ध बताई जा रही है, इसीएल की समान्तर अवैध कोलियरी जामताड़ा पुलिस के नाक के नीचे कैसे चलाई जा रही थी । यह घटना पूर्ण रूप से जामताड़ा पुलिस को सवालों के कठघरे में खड़ा करती है।
बताया जाता है कि बंगाल के बाद कोयला तस्करों को अब जामताड़ा पुलिस का संरक्षण प्राप्त है, अलबत्ता योजनाबद्ध तरीके से भयमुक्त होकर इसीएल टीम पर हमला करना संभव नहीं था ।
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