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मैथन डैम में हो रहे घोटाले का प्रवर्तन निदेशक ने किया निरिक्षण

मैथन डैम के सौन्दर्यीकरण में ग्रहण

कल्याणेश्वरी : मैथन तथा पंचेत डैम की सौन्दर्यीकरण को लेकर वर्ल्ड बैंक ने अपने दोनों हाथ खोल कर यहाँ की फिज़ा में चार चाँद लगाने की कवायद शुरू की थी| मैथन डैम सोंदर्यकरण को अब ग्रहण लगना शुरू हो चुका है और ग्रहण के कारक अति लोभ है. जहाँ इस खज़ाने को देखकर कई लोगों की मुँह में पानी आना शुरू हो गया है, ऐसे में युद्धस्तर पर जारी कार्य में अनियमितता और अनदेखी चरम पर है, कारण करोड़ों रुपए कि योजना आज भी अधर में है | वर्ल्ड बैंक से लेकर डीवीसी प्रबंधन को चूना लगाया जा रहा है | मैथन डैम हाईडल से निकलने वाली जलाशय के कारण लेफ्ट बैंक इलाके के निचले क्षेत्र में भारी भूस्खलन को रोकने को लेकर लगभग 4 करोड़ की लागत से यहाँ कैनाल समेत गार्ड वाल निर्माण कराने की योजना है | इस कार्य से ट्रांसमिशन लाइन, हिरन पार्क, स्वीच यार्ड, को बचाई जाएगी, अलबत्ता यहाँ से निकलने वाली नदी के दोनों छोर पर कार्य करने के लिए एक वैकल्पिक पुलिया का निर्माण किया गया था |

ताश के पत्तों की तरह बिखर गई पुलिया

विगत कुछ दिन पूर्व मैथन डैम हाईडल से पानी छोड़े जाने के बाद पुलिया ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी, मामले को लेकर डीवीसी प्रबंधन तथा एच आर बिल्डर्स एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है | एचआर बिल्डर्स का कहना है कि डीवीसी अभियंता के डिजाईन अनुसार कार्य को किया गया था| पूरे मामले को लेकर स्थानीय ठेकेदार, एचआर बिल्डर्स तथा डीवीसी प्रबंधन के बीच खीच तान जारी है| मंगलवार को मामले की जाँच करने के लिए डीवीसी कोलकाता मुख्यालय के प्रवर्तन निदेशक (सिविल) देवाशीष घोष ने घटना स्थल पर पहुँच कर मामले का बारीकी से निरिक्षण किया। श्री घोष ने ध्वस्त हुए निर्माण कार्य का बारीकी से निरिक्षण करने के बाद निर्माण कार्य की गुणवता एवं डिज़ाइन पर सवाल खड़ा किया है। जबकि स्थानीय अधिकारी एक दूसरे पर गलती थोपने में लगे है।निरीक्षण करनेवालों में ए मित्रा, उप मुख्य अभियंता रविंद्र कुमार, अधीक्षण अभियंता संजीव कुमार, एमआरओ एसके माजी, एसएम बाली, जयंतो बिश्वास, एचआर बिल्डर्स के संतोष तिवारी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

पत्थरों की जगह स्लेग का इस्तेमाल

सूत्रों की माने तो कार्य आरंभ होने से पहले दर्जनों जगहों से ब्लैक स्टोन की आपूर्ति सप्लायरों द्वारा की गयी थी किन्तु डीवीसी के प्रयोगशाला में सभी नमूनों को अस्वीकार कर दी गयी थी, किन्तु कुछ दिन बीतते ही यहाँ के फेरो प्लांट से निकलने वाली वेस्टेज स्लेग का धडल्ले से इस्तेमाल किया जाने लगा, हालाँकि पूरे प्रकरण में प्रबंधन मौन है|

आम के आम गुठलियों के दाम

बताया जाता है कि किनारों पर गार्ड वाल निर्माण कर उसमे मिट्टी तथा बालू भरने का कार्य किया जाना था, जिसमें यहाँ स्थित बालू को प्रयोग करना था किन्तु, कार्य के दौरान हाथ लगी बालू की खजाने को किसी भी हाल में जाने नहीं जा सकता था, अलबत्ता रात के अँधेरे तथा तड़के सुबह यहाँ डंपरों में बालू भर भर कर खपाया जाने लगा, और देखते ही देखते बालू का एक पहाड़ गायब हो गया| यानी आम के आम गुठलियों के दाम की कहावत यहाँ सच साबित हुई है|

कार्य के दौरान दो बार भू-स्खलन

कैनाल निर्माण से लेकर वैकल्पिक पुलिया निर्माण कार्य शुरू होते ही यहाँ दो बार भू-स्खलन हो चुकी है, जिसमें पहला भू-स्खलन से हिरन पार्क की बाढ़ ढह गयी थी और दूसरी भू-स्खलन में अब ट्रांसमिशन लाइन और स्वीच यार्ड भी खतरे की बाट जोह रही है| अलबत्ता समय सीमा पर कार्य को पूरा करने में एच आर बिल्डर असफल साबित हो रही है|

Last updated: मार्च 27th, 2018 by Guljar Khan

Guljar Khan
Correspondent : Salanpur/Chittranjan/Barabani (Pashchim Bardhman: West Bengal)
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