डीपीएल के अधिग्रहण की खबर से श्रमिकों में ख़ुशी लेकिन अनिश्चितता बरकरार
दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड राज्य सरकार की अधिकृत संस्थान घोषित करने से श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई
दुर्गापुर (28/11/2017)राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने कल कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए कहा था कि दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को लेकर राज्य सरकार ने कई निर्णय लिए हैं और कहा था कि डीपीएल को बंद नहीं होने दिया जाएगा.
नौकरियां सलामत रहने का दिया आश्वासन
डीपीएल सरकार की निगरानी में ही रहेगी और जो लोग इसमें काम करते हैं उनकी नौकरियां भी सही सलामत रहेगी .उन्होंने कहा था कि डीपीएल के पुनरुद्धार का प्रस्ताव पास हो गया है और अब डीपीएल राज्य सरकार की अधिकृत संस्थान होगी . इसकी देखभाल का जिम्मा वेस्ट बंगाल इलेक्ट्रिक बोर्ड का होगा यह उसी के अधीन काम करेगी . मंत्री के इस घोषणा के बाद से ही दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई . दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड आईएनटीटीयुसी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उमापद दास ने कहा कि सरकार का यह फैसला बहुत ही सराहनीय है.
तीन हिस्सों में बांटा गया है डीपीएल को
उमापद दास ने कहा कि दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को तीन भागों में बांट दिया गया है उत्पादन का देख-रेख करेगी वेस्ट बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन(WBPCDCL) ट्रांसमिशन के लिए ट्रांसमिशन ग्रिड(WBSEDCL और वितरण के लिए विद्युत डिस्ट्रीब्यूशन(WBSEDCL). यह तीनों ही दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की देखभाल करेगी.
अनिश्चितता बरकरार
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने यह नहीं बताया कि दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड में जो 2700 स्थाई श्रमिक हैं तथा 1500 जो अस्थाई कॉन्टेक्टर मजदूर हैं वे लोग कहाँ नौकरी करेंगे . साढे तीन हजार क्वार्टर है दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के अधीन इसके अलावा 106 बेड का अस्पताल है इसकी देखरेख कौन करेंगे .

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