राशन कर्ड के सत्यापन के लिए होगी डोर-टू-डोर जाँच, फर्जी राशनकार्ड धारियों के विरुद्ध की जाएगी दंडात्मक कार्यवाही
राशन कार्ड के सत्यापन के लिए जिला प्रशासन द्वारा डोर टू डोर जाँच कर की जाएगी। फर्जी तरीके से एवं अयोग्य राशन कार्ड धारकों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
इस संबंध में अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) चंदन कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा शीघ्र राशन कार्ड के सत्यापन के लिए डोर टू डोर जाँच अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत फर्जीवाड़ा कर राशन कार्ड प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही फर्जी कार्ड धारकों से राशन लिए जाने की तिथि से पकड़े जाने की तिथि तक उठाए गए खाद्यान्न की प्रति किलो (₹40 प्रति किलो) की दर से लिए गए संपूर्ण खाद्यान्न की राशि की गणना करते हुए कुल राशि पर प्रतिवर्ष 12% की दर से ब्याज सहित हर्जाना वसूल किया जाएगा।
इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471 तथा अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी। एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि सरकारी सेवकों के परिवार में यदि राशन कार्ड मिलने पर उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के माध्यम से राशन कार्ड धारियों को तत्काल सूचित करने का निर्देश दिया है। सरेंडर करने वाले सभी आवेदकों को प्रपत्र 12-जी सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
इनके लिए राशन कार्ड रखना है अवैध
-वैसे व्यक्ति जिनका कोई भी सदस्य भारत सरकार, केंद्र शासित प्रदेश या इनके परिषद, उद्यम, उपक्रम, अन्य स्वायत्त निकाय जैसे विश्वविद्यालय इत्यदि, नगर परिषद, नगर पालिका, न्यास इत्यादि में नियोजित हो। वैसे परिवार का कोई सदस्य आयकर, सेवा कर, व्यवसायिक कर, जीएसटी देता हो।
वैसे परिवार जिनके किसी सदस्य के नाम से चार पहिया मोटर वाहन या इससे अधिक पहिया के वाहन हो।
-वैसे परिवार जिनका कोई सदस्य सरकार द्वारा पंजीकृत उद्यम का स्वामी या संचालक हो।
सरकारी आवास योजनाओं से अनाच्छादित वैसे परिवार जिनके पास कमरों में पक्की दीवारों तथा छत के साथ 3 या इससे अधिक कमरों का मकान हो।
ऐसे परिवार जिनके पास पाँच लाख या इससे अधिक लागत का मशीन चलित चार पहिए वाले ट्रैक्टर, थ्रेशर इत्यादि कृषि उपकरण हो।
एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि विगत दिनों में जन वितरण प्रणाली दुकानों एवं राज्य खाद्य निगम के गोदामों का निरीक्षण के क्रम में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि अयोग्य लाभुकों, दुकानदारों एवं गोदाम कर्मियों द्वारा सुनियोजित तरीके से बड़े पैमाने पर राशन की गड़बड़ी की जा रही है।
उन्होंने बताया सिर्फ धनबाद जिला में विगत वर्ष लगभग 476 करोड़ रुपए का सरकारी खाद्यान्न जिसमें 11 लाख 90000 क्विंटल गेहूँ चावल एवं 51000 क्विंटल चीनी तथा अन्य सामग्री का वितरण किया गया है।
झारखंड लक्षित जन वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2019 के अंतर्गत लाभुकों के चयन हेतु सरकार द्वारा मापदंड निर्धारित किया गया है। ऐसे में अवैध रूप से राशन कार्ड रखने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिससे योग्य लाभुकों को सरकारी योजना के तहत राशन मुहैया कराया जा सके।
उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़ा कर अवैध तरीके से राशन कार्ड रखने वाले व्यक्ति 15 फरवरी 2021 तक स्वयं राशन कार्ड को समाहरणालय स्थित जिला आपूर्ति शाखा के कार्यालय में प्रपत्र 12-जी में भरकर सरेंडर करना सुनिश्चित करें। अन्यथा सघन जाँच में पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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