डिगवाडीह गणेश मेला में जुआ चरम पर पुलिस बनी मुकदर्शक
**डिगवाडीह गणेश मेला में खुलेआम जुआ का खेल*
*मेला देखने आए लोगो मे पुलिस की निष्क्रियता पर उठाए सवाल*
जोड़ापोखर । डिगवाडीह सर्कस मैदान में कोयलांचल की बहुचर्चित गणेश महोत्सव में गणेश पूजा के नाम पर मेले का संचालन किया जा रहा है। मेला संचालन करने को लेकर पूजा कमिटी द्वारा मोती रकम ली जाती है। इसके बावजूद मेला में बंगाल द्वारा संचालित अवैध तरीके से पूजा कमिटी के संरक्षण में खुलेआम जुआ का खेल भी चल रहा है। इस जुआ में हर दिन लाखो के वारे-न्यारे हो रहे हैं। पैसे के लालच में बच्चे से लेकर युवा तक जुआ की लत लग रही है। मेला में जुआ लगने से सभी लोग की नजर में वैध लगते है, परंतु जुआ किसी भी तरह से खेल जाय अवैध ही होता है। मेला देखने आए लोगो मे पूजा कमिटी पर आक्रोशित है। जुआ संचालन से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे है।
ज्ञात हो कि इस वर्ष डिगवाडीह गणेश मेला प्रारंभ से ही विवादों में घिर हुआ है। पूर्व मेला संचालक द्वारा इस संबंध में ज्ञापन देते हुए आपत्ति जताई थी कि पारंपरिक डिगवाडीह गणेश पूजा के स्थान पर मेला का संचालन की आड़ में जुआ खेला होना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिससे स्थानीय युवा की भविष्य अंधकार में जा रहा है। इसके बाद यहां आरोप लग रहे हैं कि नियमानुसार समय के खत्म होने के बावजूद यहां मेले का संचालन किया जा रहा है। वहीं खुलेआम जुआ का खेल गणेश मेला में संचालित किया जा रहा है। यहां हर दिन लोगो द्वारा लाखो का दांव लोग लगा रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक प्रभावित छोटे बच्चे हो रहे हैं। बच्चे हर दिन उम्मीद लिए आते हैं और 10 रुपए से लेकर सौ रुपए तक का दांव पैसे के लालच में लगाते हैं। जिसके बाद उन्हें निराशा मिलती है। दोगूने पैसे के साथ कई लालच यहां चल रहे जुआ में दिया जा रहा है, जिसपर अबतक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं इस प्रकार के जुआ पर कार्यवाही नहीं होने से संचालकों का मनोबल बढ़ गया है। स्थानीय लोगो में इस समस्या को लेकर अब आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। गणेश मेला में खुलेआम जुआ का संचालन को लेकर पूजा कमिटी, मेला संचालक से लेकर स्थानीय प्रशासन आंखे बंद किये हुए है। इस अवैध जुआ संचालन से पूजा कमिटी को मोटी रकम प्राप्त होती है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शमसेर आलम ने बताया कि धार्मिक स्थल पर इस तरह का जुआ संचालन दुर्भाग्यपूर्ण है, इसमें अपराधियो का जमावड़ा लगने की संभावना है। प्रशासन के द्वारा ऐसे मामलों में अविलंब कार्यवाही करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेला समझकर लोग गांव-गांव से आ रहे हैं और जुआ के माध्यम से ठगी का शिकार हो रहे हैं।
संवाददाता – शमीम हुसैन

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