धनबाद के हाजरा अस्पताल में आग लगने से हुई पाँच लोगों की मौत के मामले में झारखण्ड सरकार ने धनबाद उपयुक्त से मांगी रिपोर्ट सी एम हेमंत सोरेन ने जताया दुःख
धनबाद, हाजरा अस्पताल में आग लगने से पांच लोगों की हुई मौत, सरकार ने डीसी से मांगी रिपोर्ट, सीएम ने जताया दुख
धनबाद,हाजरा हॉस्पिटल में आग लगने से डॉक्टर दंपति सहित पांच लोगों की मौत के मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गहरा दुख व्यक्त किया और मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना जताई।
राज्य सरकार ने हादसे के कारणों पर धनबाद के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है और हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज की बेहतर व्यवस्था का निर्देश दिया है।
सभी मृतक हाजरा परिवार के हैं।हादसे में हाजरा क्लिनिक एंड हॉस्पिटल के संचालक डॉ. विकास हाजरा और उनकी पत्नी डॉ. प्रेमा हाजरा, डॉक्टर विकास का भांजा सोहेल खमारू, खाना बनाने वाली तारा और डॉ. विकास के घर आए शंभु सिंधो नामक शामिल हैं। पूर्व में हादसे में छह लोगों की मौत की बात कही गई थी, लेकिन जिला प्रशासन ने पांच लोगों के मरने की पुष्टि की है।शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग जिला प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू करा दी है। अस्पताल प्रबंधक के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट से लगी। 250 बेड वाले हॉस्पिटल में भर्ती सभी मरीजों को सकुशल निकाल लिया गया। हादसे के वक्त यहां 17 मरीज और उनके परिजन थे। ये सभी हॉस्पिटल के नीचे की मंजिल पर थे। रात लगभग डेढ़ बजे लगी आग दूसरी मंजिल से शुरू हुई थी, जो पहले स्टोर रूम और उसके बाद पूरे हॉस्पिटल में फैल गई थी। नीचे की मंजिल के लोगों को यहां आग फैलने से पहले ही निकाल लिया गया। हॉस्पिटल के गार्ड ने इमारत की दूसरी मंजिल पर लगी आग को पहले खुद से बुझाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहने पर फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां रात लगभग तीन बजे मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया।बचाने की गुहार लगाते रहे डॉ हाजरा, समय पर नहीं नहीं मिली मदद,हॉस्पिटल के संचालक डॉ. विकास और उनका पूरा परिवार इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल पर रहता था। हादसे के वक्त सभी लोग सो रहे थे। डॉ. विकास को जब आग फैलने का अहसास हुआ, तो उन्होंने बाथरूम में जाकर जान बचाने की कोशिश की। एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह बाथरूम की खिड़की से बचाओ-बचाओ का शोर लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सभी लोगों की मौत धुएं से दम घुटने की वजह से हुई। डॉ. विकास खुद को बचाने के लिए बाथरूम के बाथ टब में बैठ गए थे। उन्हें जब बाहर निकाला गया तो उनकी सांसें चल रही थीं, लेकिन मेडिकल कॉलेज ह़ॉस्पिटल ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इसी परिवार के डॉक्टर समीर हाजरा जिस कमरे में सो रहे थे, वहां तक धुआं नहीं पहुंचा। उनकी जान बच गई ।
धनबाद के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत टेलीफोन एक्सचेंज रोड पर हाजरा क्लिनिक एंड हॉस्पिटल की स्थापना डॉ. विकास के पिता डॉ. सीसी हाजरा ने 60 के दशक में की थी। 10 बेड से शुरू हुआ यह हॉस्पिटल अब 250 बेड का है। डॉ. हाजरा के परिवार की पूरे कोयलांचल में ख्याति रही है। डॉ. हाजरा ने वर्ष 2005 में रांची से सेवेन डेज नामक एक साप्ताहिक अखबार का प्रकाशन भी शुरू किया था। लेखन और पठन-पाठन में उनकी गहरी रुचि थी। सामाजिक कार्यों में भी उनकी सक्रियता थी। इस हादसे से पूरे धनबाद में शोक की लहर है, जबकि पूरा कोयलाँचल इस मार्मिक घटना से दुःखी हैँ

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