दुर्गापुर बैराज के टूटी लॉक गेट देखने के लिए बढ़ गयी है पर्यटकों की संख्या
दुर्गापुर 2 दिन बीत जाने के बाद भी दुर्गापुर बैराज का एक नंबर लॉक गेट अभी तक रिपेयरिंग का काम खत्म नहीं हुआ है. जानकारी के मुताबिक लॉक गेट टूट जाने से बौरेज का पूरा पानी वह गया है. कल शाम से लॉक गेट की रिपेयरिंग का काम शुरु किया गया था मगर पानी की तेज धार होने के कारण काम करने में रुकावट आ रही थी फिर भी बालू के बोरे से पानी का बहाव बंद करने का प्रयास किया गया मगर विफल रहा.
बैराज का पूरा पानी खाली होने के बाद ही शुरू हो सका मरम्मती कार्य
सुबह तक पूरा पानी खाली हो जाने के बाद वेल्डिंग मशीन द्वारा प्लेट लगाई जा रही है. राज्य के सिंचाई विभाग के सचिव गौतम चक्रवर्ती ने बताया कि सुबह से ही वेल्डिंग का काम चालू किया गया है शाम तक ठीक कर लिया जाएगा. उसके बाद माइथन को पानी छोड़ने के लिए कहा जाएगा. मैथन से पानी आने में करीब 12 घंटे लगेंगे. पानी का जलस्तर बढ़ने पर गेट को लगा दिया जाएगा. उसके पहले बैरेज के 34 गेटों को निरक्षण कर ली जाएगी और त्रुटि होने पर उसे भी ठीक कर लिया जाएगा . इस घटना में सभी का साथ मिल रहा है और कहा कि केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत 325 करोड रुपए की लागत से 21 प्रकल्प का काम शुरू किया जाएगा . विभिन्न राज्यों में जिसमें दुर्गापुर के बैरेज को भी शामिल किया गया है जैसे दुर्गापुर स्टील प्लांट, एलॉय स्टील स्टील प्लांट, डीपीएल, डीभीसी आदि दुर्गापुर बैराज जहां काम चल रहा है.
बैराज में बढ़ गयी है पर्यटकों की संख्या
दुर्गापुर शिल्पांचल सहित विभिन्न इलाके के लोग पानी सूखने की खबर सुनकर देखने के लिए बैरेज में उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कर्मियों को भी लगाया गया है ताकि लोग ब्रिज के नीचे पानी की तरफ न चले जाएं फिर भी लोग नीचे उतर कर सेल्फी ले रहे हैं और कुछ लोग मछली पकड़ रहे हैं. लोग आनंद उठा रहे हैं . मछुआरे भी अपना मछली पकड़ने का काम कर रहे हैं . आए हुए लोगों से बात करने पर पता चलता है कि इस तरह दृश्य कभी किसी ने नहीं देखा था. एक तरफ कह रहे हैं कि बहुत मजा लग रहा है वहीं दूसरी तरफ कह रहे हैं कि पानी की समस्या तो है फिर भी इस तरह का दृश्य देखने पर पानी का कमी को भूल जा रहे हैं और आनंद उठा रहे हैं . दुर्गापुर नगर निगम ने लोगों के घर तक पानी पहुंचाने के लिए 45 टैंकरों को उतारा है जिसमें आसनसोल नगर निगम की ओर से जितेंद्र तिवारी ने पानी लेकर 20 टैंकर को दुर्गापुर भेजा है.नगर निगम टैंकर द्वारा पानी लोगों तक पहुंच रहा है .
दुर्गापुर बैराज का लॉक टूट जाने से आपदा जैसी स्थिति बन गयी थी
शुक्रवार(24/11/2017) की सुबह दुर्गापुर बैराज का एक नंबर लॉक गेट अचानक टूट जाने के कारण दामोदर बैराज का पानी बाहर निकल जाने के कारण शिल्पांचल वासियों में पानी की किल्लत की चिंता बढ़ गईं थी । सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग के आला अधिकारी समेत दामोदर घाटी निगम, दुर्गापुर नगर निगम, डिपीएल, आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण के आला अधिकारी पहुंचे एवं टूटे हुए लोक गेट से बह रहे पानी को रोकने का प्रयास में जुट गए। इस दौरान लॉक गेट को मरम्मत करने के लिए क्रेन का सहयोग लिया गया। लेकिन लोक गेट ठीक नहीं हो पाया ।
वर्षों से नहीं हुयी थी इस गेट की मरम्मती
दुर्गापुर ब्रिज का निर्माण वर्ष 9 अगस्त 1955 को जोसेफ कंपनी द्वारा निर्माण किया गया था। ब्रिज का उद्घाटन तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉक्टर राधाकृष्णन ने किया था। दुर्गापुर ब्रिज बन जाने के बाद बाँकुड़ा सहित विभिन्न ग्रामीण अंचल में सिंचाई की व्यवस्था के साथ-साथ विद्युत परियोजना एवं दुर्गापुर में कई कल कारखानों में पानी का उपयोग किया जाता रहा है। इस्पात कारखाना सहित आसपास के छोटे-बड़े करखाने भी बैराज के पानी पर ही निर्भर है। आशंका जताई जा रही है नियमित देखरेख एवं बरसो से मरम्मत कार्य नही होने के कारण लॉक गेट टूटा है. दुर्गापुर बैराज में पानी से भर जाने के कारण उसका मेंटेनेंस अभी तक नहीं हुआ है।
गेट को खोले जाने की सम्भावना
सिचाई दफ्तर के अधिकारी ने नाम नहीं बता कर कहा कि वर्षा के समय अधिक जल होने के कारण गेट खोलनी पड़ती है। लेकिन तीन गेट कभी नही खोला जाता है। एक नंबर गेट का मीटर कांटा देखने से पता चलता है कि कोई गेट को खोला है . एक नम्बर गेट अक्सर 1 फुट 4 इंच ऊपर उठा हुआ ही रहता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रात के अंधेरे में मछुआरे एवं बालू तस्कर सिचाई कर्मी से मिलकर गेट का मुह को खोल देते है।
दो और बांध बनाने की है योजना
शिल्पांचल औद्योगिक क्षेत्र में पानी की भी किल्लत है. राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने बताया है कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार, दुर्गापुर बैराज सहित और दो डैम बनाएगी ताकि बाढ़ के समय पानी को रोका जा सके तथा सिंचाई में पानी को काम लगा सके इसके अलावा काकंसा के रंडिया में डैम को पुनर्जीवित किया जाएगा. इसके अलावा दुर्गापुर बैराज के आसपास नाले को भी मरम्मती की जाएगी इसके लिए 27 सौ करोड़ रुपया का बजट रखा गया है.
आसनसोल के मेयर जितेंद्र तिवारी दुर्गापुर नगर निगम के मेयर दिलीप अगस्ती कमिश्नर अमिताभ दास दुर्गापुर के वहां का शासक संघसातरा सुधीर कुमार लाहा चीफ इंजीनियर साउथ देवाशीष सेनगुप्ता सेन गुप्ता राज्य सेज दफ्तर के सहायक सचिव सहित कई अधिकारी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाये हुए हैं

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