जमाई षष्टि में ससुराल न जा पाये जमाई , खातिरदारी का मौका कोरोना की भेंट चढ़ गया ।
दुर्गापुर न्यूज़। देशभर में कोरोनावायरस को लेकर चतुर्थ बार लॉकडाउन चल रहा है । इस दौरान रेल और बसों का परिचालन बंद है। जिस कारण से दूसरे राज्य या जिलों में रह रहे दामाद अपने ससुराल नहीं जा पा रहे हैं। इस अवस्था में वीडियो कॉल से ही जमाई सष्टी का पर्व कई लोग मना रहे हैं। लॉकडाउन के वजह से दुर्गापुर अंडाल पानागढ़ बुदबुद में जमाई सष्टी पर्व पर बाजारों में रौनक देखने को नहीं मिली।
गुरुवार यानि आज जमाई सष्टी पर्व है। बंगाली समुदाय के लोग इसे जश्न की तरह मनाते हैं। इस दिन बेटी और दामाद को घर बुलाया जाता है। दूब घास पाँच किस्म का फल चंदन के साथ जमाई की आरती उतारी जाती है।
जमाई अपनी सासू माँ का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। सास दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती है। जमाई को लजीज और नॉनवेज भोजन के साथ मौसमी फल और मिठाई परोसे जाते हैं और मंहगे मंहगे उपहार भी दिए जाते हैं।
जमाई भी अपनी क्षमता के अनुसार सासु माँ को साड़ी भेंट करते हैं। जमाई शादी के बाद से लगभग हर साल खातिरदारी के लिए पत्नी के साथ ससुराल पहुँचते हैं। इस बार लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से दामाद को ससुराल आने में इस पर्व पर ब्रेक लग गया है।
दमाद को ससुराल बुलाने के बजाय सासू माँ अपने जमाई को वीडियो कॉल पर आशीर्वाद दे रही है । सारी पारंपरिक अनुष्ठान भी वीडियो कॉल से हो रही है। ना जेब गर्म होगी ना ही गिफ्ट मिलेगी और ना ही स्वादिष्ट भोजन उड़ाने का मौका मिलेगा।
(संवाददाता : रमेश कुमार, गुप्ता बुदबुद)

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