अपने पहचान की मोहताज हो रही कोयला नगरी धनबाद: अरुण कुमार

मेरी बात,,,,,,,,,, कोल नगरी धनबाद जिसको कि काला हिरा भी कहा जाता हैं आज अपनी पहचान को मोहताज हो रहा हैं तो यह बात सत्य सा प्रतीत हो रहा हैं। कोयला कि आवश्यकता किया अहमियत हम सभी के लिए रखती है यह सभी वर्ग के लोग बखूबी जानते भी हैं और समझते भी हैं तो किया करें धनबाद के लोग कभी प्रदूषण कि समस्या तो कभी रोजी रोजगार का संकट सभी से तो दो चार होना ही पड़ रहा हैं। यहाँ रह रहे लोगों के लिए मुझे आज एक बात समझ नहीं आ पा रही हैं कि जब अंग्रेजों कि हुकूमत पूरे भारतवर्ष पर थी तब धनबाद में कोयला खदानें हुआ करती थी, उन्होंने कभी भी खुला खदान या ओपन कास्ट नहीं चलाया वे एक सिस्टम के तहत कोयले कि निकासी भरपूर मात्रा में कर लिया करते थे । जबकि उस समय टेक्नोलॉजी का भी काफी आभाव रहा होगा और आज कि परिस्थिति उस समय से काफी अलग है और टेक्नोलॉजी से हमसब आगे टेक्निकल कि तरफ बढ़ रहे हैं। फिर बी सी सी एल कंपनी जो कि कोयले का खनन करती से कब दूसरों से करवाने कि ओर अग्रसर हुई और क्यों यह बात हजम नहीं हो पा रही हैं आज लगभग भूमिगत खदानें बंद कि ओर बढ़ चली हैं या बंदी कि कगार पर हैं कौन जिम्मेवार हैँ और ओपन कास्ट कंपनी भी कम जिम्मेदार नहीं हैँ नियमतः आउटसोर्सिंग कर रही प्राइवेट कोल कंपनी पुनः कोयला निकाल कर उस जगह को समतल कर वापस लोगों को बसाने का काम करें, किन्तु सभी आउटसोर्सिंग कंपनी पथर का पहाड़ बनाने का काम कर रही हैँ, नियम तो बहुत हैँ तो किया धनबाद का आस्तित्व आनेवाले समय में और भी धूमिल तो नहीं हो जायेगी, खासकर झरिया जो कि अपने अंदर ना जाने कितने कोयले के भंडार को दबाये हुए है और कोयले कि गुणवत्ता में सबसे प्रमुख नाम झरिया क्षेत्र का ही हैँ तो अब हमसब यह मान ले कि कही ना कही जरूर चूक हुई हैँ, क्योंकि अगर अंग्रेज भी यही आउटसोर्सिंग का प्रयोग करते तो ना आज झरिया होता और ना ही धनबाद और जहाँ तहाँ होती खुली खदानें किन्तु उन्होंने भूमिगत खदान बनाकर ना केवल लोगों को आजीविका दिया अपितु उनके लिए छत का भी बंदोबस्त किया और आज घर तोड़ दो तो श्रमिक कि जीवन भर कि कमाई हुई रकम मिल पाएगी तो इन लोगों के रोजगार देने व लोगों को छत देने के मामले में बी सी सी एल प्रबंधन सफल नहीं हो पाई हैँ मेरे विचार से बी सी सी एल प्रबंधन को आत्ममंथन व आत्मचिंतन करने कि आवश्यकता हैँ,,,,, जिससे कि धनबाद कि जनता बी सी सी एल को धन्यवाद कह सके,,,,,,, अरुण कुमार

Last updated: जुलाई 20th, 2021 by Arun Kumar
Arun Kumar
Bureau Chief, Jharia (Dhanbad, Jharkhand)
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