हिंदुस्तान केबल्स के अवशेषों को चील, कौवों की तरह नोंच रहे है चोर
सालानपुर थाना क्षेत्र के रूपनारायणपुर स्थित देश की गौरव की गाथा लिखने वाली आज़ाद भारत की पहली सरकारी उद्योग हिंदुस्तान केबल्स आज किसी परिचय की मोहताज नही, हालांकि इसके विध्वंस की गाथा भी आज अनसुनी नहीं रही, अलबत्ता समय के साथ कम होती चमक ने अंत में यहाँ की नींव तक को खोखली कर डाली है।
अलबत्ता जहाँ दिल्ली की कलम ने इस गौरव को धरोहर में तब्दील कर दिया, ऐसे में आज इस धरोहर को भी चोर चिल, कौओं की तर्ज पर नोच नोच कर कंकाल में तब्दील कर दिया है। इतना ही नहीं अगर आपकों ईंट चाहिए तो कोई बात नहीं ठेकेदार बन चुके यहाँ के नामचीन चोर आपको चार हजार रुपये प्रति हजार ईंट उपलब्ध करा देंगे, चाहे इसके लिए हिंदुस्तान केबल्स का कोई भी बिल्डिंग ढहना पड़े, और बस आप अपना मकान इतिहासिक ईंट से बनवा सकते है।
अगर दरवाजा चौखट चाहिये 700 सौ से लेकर हजार रुपये में मिल जाएगी। बाकी पुरानी छड़ भी आपको 16 रुपये प्रतीकिलो के हिसाब से मिल सकती है। हालांकि चौकिए मत यह सरहानीय कार्य रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजालों में किया जाता है। सूत्र बताते है कि इस कार्य में लिप्त मुखिया के 20-20 लोग कार्यरत है। जिन्हें किसी से भी भय नहीं है। अब इसके लिए किसे दोष दिया जाय या इन्हें किसकी संरक्षण प्राप्त है, यह क्षेत्र के लगभग सभी गणमान्य को मालूम है।

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