ख़तरनाक जंगल से होकर स्कूल जाने को विवश हैं, लेफ्ट बैंक प्राइमरी स्कूल के बच्चें
कल्यानेश्वरी। देंदुआ ग्राम पंचायत अंतर्गत डीवीसी लेफ्ट बैंक फ्री प्राईमरी स्कूल इन दिनों दुर्दशा की कगार पर खड़ी है।
नर्सरी से लेकर पांचवी वर्ग तक इस स्कूल में 300 से भी अधिक बच्चें प्रतिदिन अध्ययन करने को आतें है।
भवन और मेंटेनेंस डीवीसी प्रबंधन एवं शिक्षा व्यवस्था और शिक्षक बंगाल राज्य सरकार की देखरेख में इस स्कूल का संचालन किया जाता है।
ऐसे में कहें तो दो मालिक और पालनहार होने के बावजूद भी इस स्कूल में कोई उन्नति नही दिखाई देती है, शिक्षा का स्तर भी दिन प्रतिदिन गिरती जा रही है।
मुख्य रूप से देखे तो स्कूल तक पहुँचने के लिए तीन रास्ता है, किन्तु सभी रास्तों में जंगल का भरमार है,
इन्ही तीन रास्तों से प्रतिदिन 300 से भी अधिक बच्चें स्कूल को जातें है, झाड़ियों और जंगलों को देखें तो लगता है, बच्चें स्कूल नही बीहड़ में पढ़ाई करने जा रहें है।
अलबत्ता इस बीहड़ में बच्चों के साथ कभी भी कोई बड़ी अनहोनी या घटना घट सकती है, सरकारी तनख्वाह पाने वाले शिक्षक भी इस व्यवस्था का सीधे सीधे जिम्मेवार है,
हालांकि उनसे पूछने पर उन्होंने अपना ठीकरा डीवीसी प्रबंधन और देंदुआ ग्राम पंचायत पर फोड़ दिया।
मामलें को लेकर स्कूल प्रधानाध्यापक(बांग्ला) प्रभात घोष ने बताया कि उन्होंने मामलें को लेकर कई बार डीवीसी प्रबंधन और देंदुआ पंचायत को अवगत कराया है, किन्तु कोई लाभ नही हुआ, उन्होंने कहा स्कूल भी रंगरोगन के अभाव में जर्जर हो चुकी है,
शौचालय भी खराब पड़ी है, हालांकि स्कूल मार्ग में जंगल होने पर उन्होंने भी चिंता जाहिर की है।
वही इस संदर्भ में देंदुआ ग्राम पंचायत प्रधान सुकुमार माजी से पूछने पर उन्होंने कहा मनरेगा फंड नही होने के कारण इस प्रकार के बहुत कार्य नही हो पा रही है,
हालांकि प्राईमरी स्कूल के रास्तों पर जंगल होने की सूचना मिली है, जल्द से जल्द किसी और फंड से इस कार्य को कराने का प्रयास करूंगा।
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