सड़क के किनारे फेंक दिया नवजात बच्ची , मानवता हुई शर्मशार
एक और जहाँ सरकार लड़कियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए नए-नए कानून ला रही है। कन्याश्री, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ जैसी सुविधा तथा आर्थिक सहायता दे रही है फिर भी कन्या भ्रूण हत्या तथा नवजात कन्या को फेंकने के मामले में कोई कमी नहीं आई है।
काजोड़ा ग्राम पंचायत में नवजात शिशु को फेंका
ताजा घटना प० बर्धमान जिले के अंडाल थाना अतर्गत काजोड़ा ग्राम पंचायत में एक नवजात कन्या के फेंकने का मामला सामने आया है। घटना बुधवार (13 सितंबर ) की है जब काजोड़ा ग्राम पंचायत के केसी पाल प्रोपर डंगाल रास्ते के किनारे तड़के सुबह करीब 5 बजे स्थानीय लोगों ने एक नवजात बच्ची को खून से लथपथ रोते हुये नवजात शिशु को देखा।
शिशु कन्या थी
लोगों ने जब नजदीक जाकर देखा तो वह एक कन्या थी और खून से लथपथ थी ।
स्थानीय लोगों के अनुसार शायद किसी ने रात में ही बच्ची को जन्म दिया एवं एक-दो घंटे पहले ही यहाँ फेंक कर चले गए।
एक नवजात बच्चे के सड़क के किनारे इस तरह से लावारिस पाये जाने से पूरे इलाके में हलचल मच गयी।
तुरंत पुलिस को सूचना दी गयी
पुलिस ने तुरंत बच्ची को दुर्गापुर महकमा अस्पताल में भेजा, जहां बच्ची की हालत नाजुक मगर स्थिर बताई जा रही है।
बच्ची के माता-पिता का दिल क्यों नहीं रोया ?
एक नवजात फूल से बच्ची को सड़क के किनारे लावारिस फेंकते वक्त फेंकने वाले का हाथ क्यों नहीं काँपा। क्या बच्ची का जन्म लेना अब भी आज के समाज में अपराध है।
अब तो बच्चियों के लालन-पालन का बड़ा खर्च सरकार उठा रही है। फिर भी कोई कैसे एक नवजात बच्ची को सड़क के किनारे फेंक सकता है। इस अमानवीय कृत्य के लिए फेंकने वाला निस्संदेह दंड का भागी है वह केवल कानून का ही नहीं बल्कि मानव सभ्यता एवं पूरे समाज का आरोपी है।
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