चार दिवसीय चैती छठ महाव्रत का शुभारम्भ
बुधवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। गुरुवार को खरना है। शुक्रवार 23 मार्च को भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ का पारण हो जाएगा। छठ व्रतियों ने सुबह गंगा स्नान करने के बाद अरवा चावल, चना का दाल, कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाया। इसके बाद खुद प्रसाद ग्रहण किया तत्पश्चात परिवार के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। गुरुवार की शाम छठव्रती खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास करेगी।
कम संख्या होने के कारण नगर परिषद ने नहीं दिया ध्यान
चैती छठ करने वालों की संख्या काफी कम रहने के कारण शहर में नगर परिषद द्वारा किऊल नदी घाटों पर ना तो साफ-सफाई की गई है और ना ही सूखी नदी में पानी की व्यवस्था। स्थानीय लोग अपने स्तर से ही नदी खोदकर पानी का इंतजाम करेंगे। बुधवार को पर्व को लेकर खरीदारी करने के लिए महिलाओं की भीड़ बाजार में रही। मिट्टी के बर्तन सहित अन्य सामग्री की खरीदारी महिलाओं ने की। शहर के पुरानी बाजार में जहाँ मिट्टी के बर्तन की खरीद के लिए भीड़ थी वहीं नया बाजार इलाके में फल एवं अन्य पूजन सामग्री की खरीद के लिए काफी भीड़ लगी रही। मुहल्ले में पर्व को लेकर माहौल भक्तिमय बन गया है।
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