धूमधाम से मनाया 26 की शाम हलकैए जिक्र
लोयाबाद। रुख से पर्दा हटा दो आसी पिया, अपना जलवा दिखा दो आसी पिया ख़्वाजा हिन्दल वली के बेटे हो, तेरा मिलना नबी का मिलना, मुझे रब से मिला दो आसी पिया। जब नात पढ़ी गई तो पूरा आस्वीया सिलसिला झूम उठा। मौका था लोयाबाद 7 नंबर में हाजी अब्दुल कुद्दुस आसवी मरहूम व मगफुर का चालीसवाँ का।
दो रोज़ा ये चालीसवाँ मंगलवार को पूरे धूमधाम से मनाया 26 की शाम हलकैए जिक्र, कुल शरीफ ,मिलाद व फ़ातेहा खानी हुई,एवं 27 की सुबह लोयाबाद कब्रिस्तान पहुँचकर हाजी अब्दुल कुद्दुस के कब्र पर गुल पोशी की गई नाते पाक व दरूदे ताज पढ़ी गई, सामुहिक रूप से फ़ातेहा खानी के बाद हाजी अब्दुल कुद्दुस आसवी व उनकी अहलिया मरहुमा आजमा खातून की मग़फ़िरत की दुआएं मांगी गई। हाजी अब्दुल कुद्दुस का वेसाल 16 सितंबर की रात हो गया था।
इस खास मौके पर यूपी के ज़िला बलरामपुर, उतरौला शरीफ से हुज़ूर फैज़ुल आरिफ़ीन अल्लामा शाह ग़ुलाम आसी पिया हसनी र.अ. के बड़े बेटे साहबे सज्जादा ख़लीफ़ा ए हुज़ूर मुफ़्ती ए आज़मे हिन्द, शहज़ादा अता ए रसूल अल्हाज मौलाना राशिद रज़ा आसवी की सरपरस्ती में दो रोजा इस आयोजन को कामयाब बनाया गया।
दूर दराज से लोगों ने इस आयोजन में शिरकत की है। शामिल तमाम उलेमा व मद्दाहे रसूल ने आसी पिया की शान में तकरीर व नाते पाक पढ़ी गई। मौके पर अल्लामा मौलाना तेग अली कादरी, मौलाना बशीरुल कादरी, इमाम हसनैन, इमाम अब्दुल खालिक सहित कई मद्दाहे रसूल मौजूद थे।
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