सालानपुर से मवेशी व्यपारी का अपहरण, पुलिस ने चुरुलिया से चार किडनैपर को दबोचा, व्यपारी मुक्त
सालानपुर। सालानपुर थाना के रूपनारायणपुर फाड़ी अंतर्गत धाँगुडीह–दोमदोहा पाइपलाइन मार्ग पर मिहीजाम जाने के क्रम में घात लगाए अपराधियों ने कालीपत्थर निवासी मवेशी व्यपारी समसुल अंसारी(53) का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया।
अपहरण की सूचना इलाके में आग की तरह फैल गई और घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है। हालांकि घटना के महज चार घंटे बाद ही रूपनारायणपुर पुलिस ने टीम गठित कर अपराधियों को चुरुलिया इलाके से धर दबोचा और अपहृत समसुल अंसारी को सकुशल बरामद कर लिया।
स्थानीय लोगों और परिजनों के अनुसार मंगलवार की सुबह काली पत्थर से मिहिजाम जाने के क्रम में धाँगुडीह–दोमदोहा पाइपलाइन सड़क पर के समीप एक चार चक्का(महिंद्रा बोलेरो) WB38BB-4675 पर सवार बदमाशों के एक समूह ने सामशूल अंसारी को अगवा कर लिया। और अपहरणकर्ताओं ने मोबाइल फोन पर परिवार से 10 लाख रुपये फिरौती की मांग की।
वही घटना की सूचना मिलते ही रूपनारायणपुर फाड़ी प्रभारी अरुणाभ भट्टाचार्य ने सक्रियता दिखाते हुए 4 घण्टे के भीतर ही जामुड़िया थाना क्षेत्र के चुरुलिया बिरकुल्टी श्मशान घाट से अपहरणकर्ताओं को धरदबोचा और मावेसी व्यपारी को छुड़ाने में सफल रहे। मौके से पुलिस ने चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया,साथ ही घटना में युक्त बोलेरो वाहन को भी जब्त कर रूपनारायणपुर फाड़ी ले आए।
वही रूपनारायणपुर फाड़ी प्रांगण में अपहरणकर्ताओं को देख कालीपत्थर के ग्रामीण उग्र हो गये और उन्हें पुलिस से छुड़ा कर स्वंय के हाथों में लेने में जुट गये । हालांकि पुलिस ने काफी मसक्कत के बाद अपराधियों को वाहन से लॉकअप तक लेकर जाने में सफल रहे। इसी क्रम में गुस्साये भीड़ ने अपहरणकर्ताओं की वाहन में जमकर तोड़फोड़ कर दी। पुलिस ने काफी मुश्किल से स्थिती को नियंत्रित किया।
वही आरोप है कि घटना पहली बार नही हुई है, इलाके में रहने वाले कुछ अन्य मावेसी व्यपारियो ने आरोप लगाया है कि इसे पहले भी करीब 4 माह पहले मिहिजाम थाना क्षेत्र में कालीपथर निवासी निजाम नामक एक व्यसायी को अपहरण कर लिया गया था। और 2 लाख 50 हजार रुपयों की मांग की गई थी, फिरौती लेने के बाद निजाम को छोड़ दिया गया था।
इधर पुलिस ने बुधवार को सभी आरोपियों को आसनसोल न्यायालय में प्रस्तुत कर दो मुख्य आरोपी कार्तिक धीवर और अभिषेक दास की सात दिन पुलिस रिमांड की मांग की गई है। जब कि दो अन्य अरोपी सूरज साव और मनीष साव को जेल भेज दिया गया, पुलिस रिमांड की अवधि और भी कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो सकती है।

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