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पश्चिम बंगाल में भी ब्लैक फंगस‌ ने दी दस्तक, चार लोग चपेट में

पश्चिम बंगाल कोविड-19 के बाद होने वाले ब्लैक फंगस संक्रमण ने बंगाल में दस्तक दे दी है। ब्लैक फंगस के चार मामले सामने आए हैं। यह चारों मरीज पड़ोसी राज्य झारखंड व बिहार के रहने वाले हैं। इनमें से दो का दुर्गापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। इन चारों मामलों के बारे में दिशा अस्पताल में सात से 13 मई के दौरान पता चला है।

दिशा आई अस्पताल के सीएमडी डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि ब्लैक फंगस के चार मामले सामने आए हैं। दो मरीजों को दुर्गापुर स्थित बंगाल हेल्थवर्ल्ड में भर्ती कराया गया है, वहाँ उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।मरीजों में तीन पुरुष और एक महिला शामिल हैं। पुरुष मरीजों की उम्र 35, 40 व 50 वर्ष और महिला मरीज की 65 वर्ष है। तीन मरीज दुमका व झारखंड के अन्य शहर के रहने वाले हैं। चौथा मरीज बिहार के भागलपुर का रहने वाला है।

उन्होंने आगे कहा कि ब्लैक फंगस प्राकृतिक पर्यावरण में पाया जाता है, जो साइनस, चेहरे और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। नाक का बंद होना, सिर के एक तरफ दर्द होना, दांतों में दर्द, सूजन होना इसके शुरूआती लक्षण हैं। कुछ मामलों में यह जानलेवा साबित हो सकता है। मधुमेह के मरीजों को विशेष तौर पर सावधानी बरतने की जरूरत है। फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट सुष्मिता रॉय चौधरी ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले में बिना डॉक्टरी सलाह के खुद से कोई भी दवा का सेवन करना बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है, खासकर ऐसी दवा, जिसमें स्टेरॉइड हो।

ब्लैक फंगस के लिए धूलकण और सस्ते स्प्रे सैनिटाइजर भी जिम्मेदार बाजार में मिलने वाले सेनिटाइजर में करीब पाँच फीसद मिथेनॉल मौजूद। तेजी से बढ़ रहे फंगल इंफेंक्शन के पीछे कोरोना को ठीक करने वाले एस्टेरॉयड ही नहीं बल्कि धूल प्रदूषण और सैनिटाइजर भी काफी जिम्मेदार हैं। दुनिया में भारत ही एक मात्र देश है जहाँ पर ब्लैक फंगस इतना तेजी से फैल रहा है। जगह-जगह चल रहे निर्माण कार्य और स्प्रे वाले सैनिटाइजर नाक और आँख में कवक के संक्रमण को बढ़ा रहे हैं और आँखों की रौशनी छीन रहे हैं। बाजार में मिलने वाले सेनिटाइजर में पाँच फीसद के आसपास मिथेनॉल है। आँख और नाक में इनके जाते ही आँखों की रेटिना खराब हो रही है जिससे रौशनी धीरे-धीरे खत्म हो रही है। इसीलिए उन्होंने सेनिटाइजर के बजाय डिटॉल, साबुन और हैंडवाश का उपयोग करने की सलाह दी है।

Last updated: मई 15th, 2021 by Rishi Gupta
Rishi Gupta
Correspondent - Asansol
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