पहाड़गौड़ा पुलिस इंचार्ज को तत्काल हटाने की मांग को लेकर भाजपा ने सालानपुर थाना का किया घेराव
सालानपुर। सालानपुर थाना के पहड़गोड़ा(सामडीह) पुलिस कैम्प इलाके के भाजपा कार्यकर्ता उमेश नोनिया की गिरफ्तारी एवं पुलिस द्वारा बर्बरता से पिटाई के बाद राजनीतिक माहौल उफान पर है।
उमेश पर तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के साथ विवाद और मारपीट में शामिल होने का आरोप है। घटना के बाद दोनों पक्षों ने सालानपुर थाना में अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराईं है। गुरुवार मामले में थाना का घेराव कर प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेतृत्व ने आरोप लगाया कि पहड़गोड़ा पुलिस कैम्प प्रभारी एएसआई बसुदेब चौधरी ने शिकायत दर्ज होने से पहले ही घटना में एकतरफा कार्यवाही करते हुए उमेश नोनिया को हिरासत में लिया, और इस दौरान बर्बरता से उसकी पिटाई की गई।
जिसे अदालत में पेश करने के बाद, पुलिस रिमांड में भेजा गया जहाँ कुछ घण्टे बाद ही उमेश की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वही पूरी घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए सालानपुर थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उक्त पुलिस अधिकारी एएसआई बसुदेब चौधरी पर झूठा मुकदमा दर्ज करने और पुलिस हिरासत में बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया। भाजपाईयों द्वारा सालानपुर थाना का घेराव कर जोरदार नारेबाजी की गई और उमेश को न्याय दिलाने की मांग की गई। इस दौरान सालानपुर थाना में पुलिस के साथ जमकर नोकझोंक हुई, पुलिस दौर थाना परिसर में अतिरिक्त बल की तैनाती की गई थी। हालांकि लिखित शिकायत लेने के बाद प्रदर्शन को अस्थायी रूप से वापस ले लिया गया।
उमेश नोनिया की पत्नी शिला कुमारी ने आरोप लगाया की 6 अप्रैल को तृणमूल समर्थकों ने उनके घर पर हमला किया था। दोनों पक्षों के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की हुई, लेकिन पुलिस ने सिर्फ उनके पति को ही गिरफ्तार किया और थाने में एएसआई बसुदेब चौधरी ने बेरहमी के साथ मारपीट की।
भाजपा सालानपुर प्रखंड अध्यक्ष चिन्मय तिवारी ने बताया कि बीते 6 अप्रैल की रात पहड़गोडा इलाके के निवासी भाजपा कार्यकर्ता उमेश नोनिया के घर के सामने कुछ तृणमूल कांग्रेस के लोग आकर पहले गुंडागर्दी की और फिर पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में बेराहमी से मारपीट किया गया। शिकायत से पहले ही गिरफ्तारी भी हो गई और पूरी घटना पहड़गोडा पुलिस कैम्प प्रभारी एएसआई बसुदेव चौधरी के सामने घटने के बावजूद उन्होंने एकतरफा तृणमूल के इशारे पर घटना में मात्र उमेश नोनिया को ही गिरफ्तार किया। पुलिस ने इतनी बेराहमी से मारा है कि 8 अप्रैल को जब उमेश को न्यायालय के सुपुर्द किया गया तो न्यायिक हिरासत में भेजने के कुछ घण्टे बाद ही उमेश की स्थिति नाजुक हो गई और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका अभी तक इलाज चल रहा है। पहड़गोडा कैम्प इंचार्ज एएसआई बसुदेब चौधरी क्षेत्र की हर अवैध काम काम मे सामिल है, उनका मुख्य काम तृणमूल कांग्रेस की दलाली और तोलाबाजी है। तत्काल उनका स्थांतरण होना चाहिए अन्यथा आज भाजपा का आंदोलन महज एक ट्रेलर था, पूरी फिल्म अभी बाकी है।
वही पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल के सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस उपाध्यक्ष भोला सिंह ने कहा कि लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने दावा किया कि उमेश मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और उन्हें चिकित्सीय देखरेख की आवश्यकता है।

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