चुनाव प्रचार में छलका सैनिक का दर्द , कहा सैनिकों को सांसद की तुलना में बहुत कम पेंशन मिलती है
आसनसोल लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए नियामतपुर पहुंचे पूर्व सैनिक कॉंग्रेस प्रार्थी विश्वरूप मण्डल का सैनिकों के लिए दर्द छलक कर बाहर आ गया । उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति सेना में कार्य करता है, वो अपनी जान की भी परवाह नहीं करता और यदि जीवित बच जाता है,तो सम्मानपूर्वक सेवानिवृत होता है, लेकिन उन्हें पेंशन के रूप में बहुत कम राशि मिलती है, जिससे उसे परिवार चलाने में भी कठिनाई होती है। इसके विपरीत देखा जाये तो एक व्यक्ति नेता बनता है और चुनाव जीतकर वह विधायक या सांसद बन जाता है और यदि पाँच वर्षों बाद वह हार भी जाता है तो उसे पेंशन के रूप में मोटी रकम और सारी सुविधाएं मिलती है, और सोने पर सुहागा ये कि यदि कोई व्यक्ति विधायक था, फिर सांसद बना और बाद में हार गया तो पूरी जिंदगी उसे विधायक और सांसद का पेंशन प्राप्त होता रहता है।
भारतीय राजनीति में अपनी पहचान कायम रखते हुये भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस दोबारा दिल्ली की सत्ता में आने के लगातार प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के बदलते तेवर व परिपक्वता देख जनता भी आश्चर्यचकित है। राहुल गाँधी की नेतृत्व क्षमता ने ही आसनसोल संसदीय क्षेत्र से ईमानदार, कर्मठ और सच्चे देश सेवक सीआरपीएफ के पूर्व जवान विश्वरूप मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है। चुनावी दौरे में नियामतपुर पहुँचे कॉंग्रेस प्रत्याशी विश्वरूप मंडल ने जनसम्पर्क साधा और लोगों से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की। मौके पर उनके साथ जिला सचिव शाहिद परवेज़, कॉंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन, यूथ कॉंग्रेस के जिला महसचिव मोo सबीरुद्दीन, मोo सलाउद्दीन समेत काफी संख्या में कॉंग्रेसी शामिल थे।
इस दौरान कॉंग्रेस प्रार्थी लोगों के घर-घर जाकर मुलाक़ात, उनके समस्याओं को जाना एवं बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया। मंडल ने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जवानी देश सेवा में लगा दी है और अब अंतिम सांस तक देश और जनता की सेवा करने की इच्छा रखता हूँ, मैं इस क्षेत्र से कॉंग्रेस के तरफ से लोकसभा का चुनाव लड़ रहा हूँ, मैं हारूँ या जीतूँ इससे मेरे देश सेवा में कोई बदलाव नहीं आएगे। मैं चुनावी प्रचार के दौरान इस क्षेत्र के जिस गाँव, मोहल्ले या शहर में गया हूँ, मुझे समस्याए दिखी है, लोगों के आँसू दिखे है और उनका दर्द में महसूस किया है। ये सब देखकर एक नेता शांत रह सकता है, लेकिन मैंने देश की सीमा पर रहकर असली देशभक्ति को जाना है, इसलिए मुझसे यह सब सहन नहीं होता है और मैं वादा करता हूँ कि जीतने के बाद यहाँ की तस्वीर बदल दूंगा।
विश्वरूप मंडल ने कहा कि यह हमारे देश की दोहरी नीति को मैं संसद पहुँचने के बाद समाप्त करने का प्रयास करूंगा और यही मेरी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।

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