मालगोदाम श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहेगा संघ
जून 4, 2018
रेलवे को होने वाले कुल आय आय का 63 % माल भाड़े से आता है. लेकिन मालगाड़ी में माल की लदाई करने वाले माल गोदाम के मजदूर बदहाल जिंदगी जी रहे हैं. ठेकेदारों के शोषण के शिकार हैं. जब रेलवे इन माल गोदाम के मजदूरों से इतनी आमदनी कर रही है तो फिर आज तक उन्हें स्थायी नौकरी क्यों नहीं दी गयी ? माल गोदाम के मजदूरों का शोषण हो रहा है और उनके अधिकारों के लिए हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक माल गोदाम के सभी मजदूरों को स्थायी नौकरी नहीं मिल जाती है. उक्त बातें भारतीय रेलवे मालगोदाम श्रमिक संघ के राष्ट्रीय प्रभारी मनोरंजन पासवान ने रविवार 3 जून को आसनसोल में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मलेन के दौरान कही।
संघर्ष का फल मिलने का समय अब आ गया है
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे मालगोदाम श्रमिक संघ वर्ष 1998 से मालगोदाम के श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और इस संघर्ष का फल मिलने का अब समय आ गया है. उन्होंने कहा कि देश के गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कानपुर में आयोजित सम्मलेन में संघ के संघर्ष पर मुहर लगा दिया है और स्वीकार किया है कि मालगोदाम के श्रमिकों का शोषण हो रहा है और उन्हें जल्द ही न्याय दिलवाने की व्यवस्था की जायेगी. श्री मनोरंजन पासवान ने बताया कि मालगोदाम के श्रमिकों का एक डाटाबेस बनाया जा रहा है. रेल मंत्रालय इस दिशा में द्रुत गति से कार्य कर रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि श्रमिकों की पहली सूचि मंत्रालय में जमा हो गयी है एवं दूसरी सूचि तैयार की जा रही है. वर्तमान सरकार बड़ी ही संजीदगी के साथ मालगोदाम के श्रमिकों की समस्याओं को सुन रहा है एवं उसके निराकरण के उपाय ढूंढे जा रहे हैं.
जब कुलियों की स्थायी नियुक्ति हो सकती है तो फिर मालगोदाम श्रमिकों की क्यों नहीं ?
झारखण्ड के महासचिव महेश कुमार पासवान ने कहा कि जब रेलवे स्टेशन के कुलियों को स्थायी नौकरी मिल सकती है तो फिर माल गोदाम के श्रमिकों को क्यों नहीं जबकि कुली से प्रत्यक्ष रूप से रेलवे को कोई लाभ नहीं हो रहा है जबकि माल गोदाम के श्रमिक सीधे तौर पर रेलवे के मुनाफे से जुड़े हैं वह भी 63प्रतिशत . उन्होंने कहा कि माल गोदाम के श्रमिकों के संघर्ष के दिन अब समाप्त होने की घड़ी नजदीक आ गयी है.
श्रमिकों की एकजुटता पर झुकने को विवश है सरकार
पूर्व रेलवे जोन के अध्यक्ष अभिषेक कुमार वर्मा ने कहा कि मालगोदाम के श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए संघ ने दिन रात मेहनत करके पूरे भारत के रेलवे मालगोदाम श्रमिकों को एकजुट करने का काम किया है. उनकी एकजुटता का ही नतीजा है कि आज केंद्र सरकार हमारी मांगों पर गौर करने के लिए बाध्य हो गयी है.
आतिथ्य सम्मान से गदगद हो गए अतिथि
कार्यकर्ताओं के खचाखच भरे हाल में अतिथियों ने पहले दीप प्रज्वलित किया फिर सभी अतिथियों को गुलदस्ता भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। भारतीय रेलवे के लगभग सभी जोन से प्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता इस सम्मेलन में शामिल हुये। आतिथ्य स्वागत के गदगद होकर राष्ट्रीय प्रभारी मनोरंजन पासवान ने बंगाल की धरती को नमन किया एवं कहा कि बंगाल की संस्कृति उसे देश के बाकी राज्यों से भिन्न करती है। उन्होने कहा कि देश के लगभग सभी कोनों में उन्होने सम्मेलन को संबोधित किया है । पर इस सम्मेलन में कार्यकर्ताओं का जोश एवं उनका आतिथ्य सम्मान सबसे बेहतर रहा है। उन्होने यह एकजुटता बनाए रखने की अपील की एवं कहा की मालगोदाम के श्रमिकों के अधिकार के लिया संघ अपनी लड़ाई जारी रखेगा।
कोंवेनर अंशुमन बनर्जी ने इस सम्मेलन को सफल बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं राष्ट्रीय प्रभारी मनोरंजन पासवान ने स्वयं अंशुमन बनर्जी को गुलदस्ता भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
Last updated: जून 5th, 2018 by
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