हर मन्नत होती है पूरी 660 वर्ष पुराने भंडार पहाड़ अमरनाथ शिव मंदिर में
कल्याणेश्वरी :: महाशिवरात्रि पर्व को लेकर बुधवार को भी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालु महाशिवरात्रि का व्रत रख मंदिर जलाभिषेक करने पहुँचे थे। भंडार पहाड़ अमरनाथ शिव मंदिर में आठ पहर अखण्ड नाम संकीर्तन के साथ मंदिर भगवान शिव के जयकारों और घंटियों की मधुर ध्वनि से गुंजायमान रहा। महिलाएँ हाथों में बेलपत्र, फल-फूल से सजी पूजा की थाली व टोकरी और सिर पर कलश लिए मंदिर में पहुँची। खासकर नवविवाहिताएं सज-धज कर मंदिर पहुँची और अपने परिवार के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की।
कल्याणेश्वरी लेफ्ट बैंक स्थित भंडार पहाड़ अमरनाथ शिव मंदिर की स्थापना सन 1358 में श्री कलिकानंद महाराज द्वारा अमरनाथ की स्मृति में की गयी थी। मान्यता है कि यहाँ सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करने वाले की हर मनोकामनाएँ पूर्ण होती है, पहाड़ के ऊपरी सतह पर स्थित मदिर पहुँचने में श्रद्धालुओं को हजारों सीढ़ियाँ चढ़ कर यहाँ पहुँचना पड़ता है। चूंकि यहाँ चढ़ना कोई सहज कार्य नहीं किन्तु मान्यता है कि भगवान शिव के भक्त के लिए यह कोई कठिन कार्य नहीं है। खिचड़ी भोज से लेकर पानी की व्यवस्था करने वाले भक्त व् पुजारी यहाँ दिन में दर्जनों बार बिना थके कार्य की वस्तु लेकर आना-जाना करते है| स्वामी कलिकानंद मठ द्वारा संचालित इस शिव मंदिर में प्रतिवर्ष भव्य आयोजन किया जाता है| जिसमें आस पास के सैकड़ों श्रद्धालुओं की भूमिका सराहनीय होती है। मठ के शिष्य बतातें है कि महाराज श्री कलिकानंद कभी किसी से कुछ भी नहीं मांगते थे, उन्हीं के निर्दिष्ट मार्ग पर चलते हुए आज भी यहाँ के लिए किसी भी प्रकार की चंदा नहीं की जाती है। आज उनके शिष्य व् भक्तो की सहयोग से मंदिर का निरंतर विकास किया जा रहा है| शिष्यों ने कहा कि मंदिर परिसर में सीढ़ियाँ, तथा पानी की विकराल समस्या है। गर्मियों के दिनों में यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को पेय जल की समस्या से जूझना पड़ता है, साथ ही शौचालय भी नहीं है। ऐसे में स्थानीय डी भी सी प्रबंधन एवं राज्य सरकार यदि इस और ध्यान दे तो इस स्थान को विकसित किया जा सकता है|
‘‘ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के आरम्भ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान भोलेनाथ कालेश्वर के रूप में प्रकट हुए थे। कृष्ण चतुर्दशी के स्वामी शिव हैं, इसलिए इसका महत्त्व अधिक बढ़ जाता है। शिवरात्रि पर सच्चे मन से जलाभिषेक करने से भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।,,
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