बी सी सी एल की आउटसोर्सीग कम्पनियाँ कब्रिस्तान के पीछे पड़ी और कब्रिस्तान अपना वजूद तलाश रही हैँ
*एक ऐसा कब्रिस्तान जो अपने अस्तित्व को बचाने की लगा रही गुहार*
संवाददाता (समीम हुसैन) जोड़ापोखर । एक ऐसा कब्रिस्तान जो अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासन की राह देख रही है। बीसीसीएल तथा आउटसोर्सिंग कंपनियों के द्वारा पैसे की लोभ के कारण इस कब्रिस्तान का अस्तित्व ख़त्म होने की कगार पर है। चुनाव आते ही कितने सांसद विधायक आये कब्रिस्तान को बचाने की बात की और चले गए, परन्तु नतीजा जस की तस बना हुआ है। किसी ने भी मुड़कर इस कब्रिस्तान की तरफ नहीं देखा। हम बात कर रहे है धनबाद कोयलांचल के झरिया जोड़ापोखर स्थित सदियों पुराने बरारी कब्रिस्तान जहाँ दूर दराज के गाव, मोहल्ले वाले अपने परिजन की मिटटी मंजिल करने आते थे। अब ये कब्रिस्तान अपने अस्तित्व को बचने की गुहार लगा रही है। सदियों वर्ष पूर्व से इस कब्रिस्तान में आस पास के मुस्लिम समुदाय के लोग अपने पूर्वज को दफ़न करते थे। कई पर्व त्यौहार में आज तक अपने पूर्वजो की याद में यहाँ पर आते है। लेकिन बीसीसीएल तथा आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा इस कब्रिस्तान के चारो तरफ पहाड़ीनुमा ओबी डंप करके खत्म करने पर आतुर है। पैसे की लोभ आउटसोर्सिंग कम्पनी पर इस कदर हावी है की उन्हें न जनता की चिंता है ना ही किसी के धार्मिक स्थल की। आउटसोर्सिंग कंपनी अपने लाभ के लिए किसी भी हद तक गुजर सकती है। इसका जीता जगता नतीजा दशको से मौजूद बरारी कब्रिस्तान का खात्मे से है। जो अब बीती दिनों की बात हो गई है। लोगो के पूर्वजो के यादगार स्थल को भी ये पैसे के लालची लोग ख़तम करने से भी बाज नहीं आ रहे है।
*बीसीसीएल अग्नि प्रभावित क्षेत्र घोषित कर कब्रिस्तान के अस्तित्व को ख़त्म करने पर तुली*
जोड़ापोखर का यह क्षेत्र बीसीसीएल द्वारा अग्नि प्रभवित क्षेत्र घोषित कर चूका है। लोगो को यहाँ से हटाने का निर्देश भी जारी की जा चुकी है, परन्तु दिलचस्प बात यह है की उसी स्थल पर बीसीसीएल द्वारा कोल डिपू बनाया जा रहा है। बीसीसीएल की बात तो और है इस स्थल के पास झारखण्ड सरकार से करोडो रुपये की लगत से एक पुल का भी निर्माण की जा चुकी है। जब अग्नि प्रभावित क्षेत्र घोषित की जा चुकी है तो फिर उसी स्थान पर जनता के पैसे की बर्बादी क्यों की जा रही है। बीसीसीएल द्वारा अपनी झोली भरने की लालसा में उक्त स्थल के पास से धार्मिक स्थल को साजिश के तहत हटाया जा रहा है। ताकि आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा ओपन कास्ट के जरिये कोयला निकाला जा सके। कोयले निकालने की होड़ में आउटसोर्सिंग कंपनी कब्रिस्तान को तहस नहस कर रही है।
*बीसीसीएल तथा आउटसोर्सिंग कम्पनी के खिलाफ आन्दोलन की चेतावनी*
यहां के लोगो के जेहन में अब यह सवाल खड़ा है कि बरारी कब्रिस्तान को कैसे बचाया जा सके? अस्तित्व को खतरे को देख लोगों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीण सलीम आजाद के नेतृत्व में आन्दोलन की बात कर रहे है। सलीम आजाद ने कहा की कब्रिस्तान सदियों पुराणी है। पहले हजारो की संख्या में यहाँ मुस्लिम समुदाय के लोग रहते थे, परन्तु अब बीसीसीएल प्रबंधक की डर से सैकड़ो की संख्या हो चुकी है। उन्होंने कहा की हमलोगों के पूर्वज यहाँ पर दफ़न है। पर्व त्यौहार में याद करने जाते है। परन्तु हालत अब ऐसा हो गया है की कब्रिस्तान में जाने में खतरा लगा रहता है। कारण कई सैकड़ो फिट उची ओबी का मलबा लगातार इस ओर आउटसोर्सिंग कम्पनी द्वारा गिराया जा रहा है।
संवाददाता – शमीम हुसैन
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