बाघमारा के पाँच मंदिरों का होगा सौंद्रीयकरण बनेगें पर्यटनस्थल
बाघमारा के पांच मंदिर बनेंगे पर्यटन स्थल होगा सौंदर्यीकरण
धनबाद जिला प्रशासन ने बाघमारा प्रखंड के पांच मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला किया हैँ जानकारी के अनुसार लिलोरी मंदिर कतरासगढ़, बूढ़ा बाबा मंदिर झींझीपहाड़ी, रामराज मंदिर चिटाही धाम,शिव मंदिर पतराकुल्ही एवं लिलोरी मंदिर गंगापुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के अलावा उनका सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा. जिला परियोजना पदाधिकारी ने मंदिर की विस्तृत जानकारी एवं सौंदर्यीकरण सहित आसपास पार्क, झूला व गाड़ियों की पार्किंग आदि की व्यवस्था के लिए भूमि चिह्नित कर बाघमारा सीओ से रिपोर्ट मांगी है.
वहीँ बाघमारा अंचल अधिकारी कमल किशोर सिंह ने बताया कि अंचल निरीक्षक व कर्मचारियों द्वारा उन मंदिरों की जानकारी के साथ आसपास की भूमि को चिह्नित करने का काम किया जा रहा है. फिलहाल शिव मंदिर पतराकुल्ही एवं लिलोरी मंदिर कतरासगढ़ की रिपोर्ट के साथ भूमि संबंधी जानकारी अंचल निरीक्षक से प्राप्त हुई है. जल्द ही भूमि को चिह्नित कर जिला परियोजना पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी जिसके बाद आगे का कार्य किया जायेगा,
उन्होंने कहा कि सभी मंदिरों को आकर्षक पर्यटन स्थल बनाया जाएगा. जानकारों के मुताबिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से ये मंदिर देश के पर्यटन मानचित्र में जगह पा जाएंगे. देश-विदेश के लोगों को इन मंदिरों की महत्ता की जानकारी मिलेगी. भारी संख्या में पर्यटक मंदिर के दर्शन एवं घूमने फिरने के लिए इन स्थलों का भ्रमण करेंगे.वहीँ सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी.इन स्थलों पर सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने पर शुल्क देना होगा, जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी. क्षेत्र का आर्थिक विकास के साथ महत्व भी बढ़ेगा. परिवहन के साधनों में बढ़ोतरी होगी. होटल, लॉज एवं धर्मशालाओं का निर्माण होगा. नए प्रतिष्ठान व बाजार बनेंगे, जिससे लोग स्वरोजगार व विभिन्न प्रकार के प्रतिष्ठानों में रोजगार पा सकेंगे. लोगों की आय में बढ़ोतरी से क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा वहीँ इस योजना को धरातल पर आने में थोड़ा समय तो लगेगा किन्तु रोजगार के लिए यह काफी सही होगा जिससे की कई लोग स्वरोजगार कर अपना जीवन यापन कर सकेंगे,

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