अब तक के सबसे जर्जर अवस्था से गुजर रहा है मैथन डैम का पर्यटन क्षेत्र
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दुर्गापूजा से लेकर कालीपूजा तथा छठ आगमन मन को उत्साह से भर देती है। किंतु इस वर्ष मैथन वासियों समेत पर्यटकों को पूजाउत्साह और हलचल की अनुभूति कराये या ना कराये , किन्तु यहाँ की जर्जर सड़के आपको और आपकी वाहनों को हिचकोलों की अनुभूति जरूर कराएगी । साथ ही सावधान रहने की भी जरूरत है, अन्यथा दुर्घटना के कारण आपकी पूजा और भ्रमण मातम में भी बदल सकती है, पूरे प्रकरण में डीवीसी प्रबंधन तथा एचआर बिल्डर की उदासीन रवैया मैथन डैम में व्यवस्था की मुँह चिढ़ा रही है ।
पेय जल को तरस रहे है मैथन डैम के दुकानदार
कल्याणेश्वरी मंदिर से लेकर मैथन संजय चौक बीएसके कॉलेज तक डीवीसी प्रबंधन की मुख्यमार्ग पर जगह-जगह गड्ढे और जर्जर अवस्था में पहुँच चुकी है । मैथन डैम 1957 मैथन डैम निर्माण के बाद पहली बार सड़क स्ट्रीट लाइट तथा पेय जल की स्थिति इतनी खराब है। जो यहाँ कार्यरत अधिकारियों की सजगता की पोल खोल रही है।
बंगाल अधिकृत डीवीसी परियोजना क्षेत्र का हालात दिनों दिन बद्तर होती जा रही है। यहाँ की दो स्कूल भी व्यवस्था की मुँह चिढ़ा रही है। शिक्षक की कमी से लेकर भवन जर्जर हाल पहले कभी ना था। लेफ्ट बैंक पंप हाउस में पेय जलापूर्ति की पम्प कई वर्षों से खराब है।
हजारों की लागत वाली पम्प रिपेयरिंग में अब तक लाखों रुपए खर्च कर दी गयी है। किन्तु बदला नहीं गया।जानकारों की माने तो लगभग 7 से 10 वर्ष पूर्व मैथन डैम कल्याणेश्वरी मुख्यमार्ग की मरम्मत की गयी थी, किन्तु मैथन डैम सोंद्र्यकरण का कार्य एचआर बिल्डर नामक कंपनी को मिलते ही, भारी वाहनों ने यहाँ के मार्ग को और भी बद्तर बना दिया है।
इस मार्ग का निर्माण भी एचआर बिल्डर के जिम्मे है, ऐसे में डीवीसी प्रबंधन भी चैन की नींद सोना ही बेहतर समझ रहे है ।। बात सिर्फ इतना ही नहीं है, डैम के मुख्यमार्ग पर जगह-जगह गड्ढा और मजुमदार निवास के समीप पार्किंग स्थल पर लोहे की भारी भरकम सामान से भी एचआर बिल्डर ने अतिक्रमण कर रखा है, जिससे यहाँ प्रतिदिन लोगों को असुविधा उत्पन्न हो रही है । इस फेहरिस्त में डीवीसी प्रबंधन भी अपनी लचर व्यवस्था को उजागर कर रही है।
जगह-जगह कचरें की लग चुकी है अम्बार
डैम में जगह- जगह कचरे की अम्बार लग चुकी है, दिसंबर आगमन होते ही सैलानियों का आगमन मैथन में शुरू हो जाती है, जी निरंतर फरवरी माह तक बनी रहती है, बताते चलें कि डीवीसी प्रबंधन एचआर बिल्डर पर कॉफी मेहरबान है, यही कारण है कि आज निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। हालांकि बीते दिनों डीवीसी सतर्कता विभाग ने अपना शिकंजा कसते हुए अपने विभाग के ही पाँच अधिकारियों को बर्खास्त का दिया था। जिसपर एचआर बिल्डर से मिलकर निर्माण कार्य में भ्रस्टाचार का आरोप लगा था।
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