आसनसोल में सेलिब्रिटी बनाम सेलिब्रिटी
भारतीय चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन का घोषणा करने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है। राजनीतिक पार्टियों में सबसे अधिक माथापच्ची अपने उम्मीदवार खड़े करने को लेकर हो रही है। जनता का भी विशेष ध्यान पार्टी प्रत्याशियों पर है। ऐसे में प्रत्याशियों के नामों की घोषणा सर्वप्रथम करते हुये पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कॉंग्रेस ने लोकसभा चुनाव का बिगुल बंगाल में फूँक दिया है।
आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में प्रेस वार्ता कर राज्य के 42 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी के नामों को लेकर उठ रही तमाम अटकलें समाप्त हो गई और तृणमूल कॉंग्रेस समर्थक अपने-अपने क्षेत्र में चुनावी तैयारी में जुट गए। तृणमूल कॉंग्रेस सुप्रीमो सह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आसनसोल संसदीय क्षेत्र से फिल्म अभिनेत्री सह सांसद मुनमुन सेन पर अपना विश्वास जताया है।
चूंकि आसनसोल क्षेत्र से वर्तमान भाजपा सांसद सह गायक बाबुल सुप्रियो है इसलिए एक सेलिब्रिटी को टक्कर देने के मकसद से एक सेलिब्रिटी को तृणमूल ने आसनसोल क्षेत्र से चुना है। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि जनता को लुभाने में किसका अभिनय कितना काम आता है।
एक नजर में मुनमुन सेन का परिचय
त्रिपूरा के राज घराने से ताल्लुक रखने वाली मुनमुन सेन का जन्म 28 मार्च 1948 को कोलकाता में हुआ था। उनके दादा और पिता प्रख्यात व्यवसायी थे। उनकी माँ एक जमानें की मशहूर हिन्दी फिल्मों की नायिका रह चुकी है। मुनमुन सेन की आरंभिक पढ़ाई लोरेटो कानवेंट, शिलोंग और कोलकाता के लोरेटो हाउस से हुई।
ऑक्सफोर्ड इंग्लैंड से उन्होंने स्नातक और कोलकाता के जादवपुर विश्वविध्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की। उनकी पहली हिन्दी फिल्म अंदर बाहर सन 1984 में आई थी। उन्होंने उसके बाद बांग्ला, कन्नड़, मलयालम, तेलगु आदि विभिन्न भाषाओं में 60 फिल्में की ओर 40 टीवी सीरियल बनाई। 1987 में उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवार्ड नंदी अवार्ड से नवाजा गया।
उनकी शादी मशहूर व्यवसायी 1978 में भरत देव वर्मा से हुई। उनकी दो पुत्री राईमा सेन और रिया सेन आज हिन्दी फिल्मों में धूम मचा रही है। शुरूआती दौर में मुनमुन ने बालीगंज गोवर्नमेंट हाई स्कूल में शिक्षिका के रूप में काम भी किया।
2014 में मुनमुन सेन को तृणमूल कॉंग्रेस ने बांकुड़ा संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार खड़ा किया जहाँ इन्होंने तत्कालीन सीपीएम सांसद बासुदेव आचार्या को भारी मतों से हराकर सांसद बनी और साबित किया की मुनमुन सेन राजनीति भी अच्छी तरह से करना जानती है।
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