लॉकडाउन में ढील देते ही बाजार में भीड़ , शराफ़ स्मृति भवन को आइसोलेशन सेंटर बनाने पर ट्रस्ट का विरोध
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के लिए प्रशासन ने रानीगंज को 13 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया था । अब तक कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या 164 बताई गयी है । वहीं अब तक कुल तीन लोगों की मौत हुई है । प्रशासन ने बड़ी चुनौतियों के साथ इस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन पर शक्ति पूर्वक कार्यवाही शुरू की थी। साथ ही साथ रानीगंज के सुप्रसिद्ध सीताराम जी भवन, सराफ स्मृति भवन, स्पोर्ट्स एसेम्बली इसके अलावे मिड वे होटल को आइसोलेशन सेफ सेंटर बनाया गया ।नाकाबंदी कर पुलिस प्रशासन ने नियमित तौर पर कार्यवाही शुरू कर दी थी ।
लॉकडाउन खुली और लॉकडाउन के खुलते ही एक बार पुनः रानीगंज शहर में भीड़ उमड़ कर सामने आ गई । दरअसल रानीगंज बाजार पर ही आसपास के छोटी-बड़ी मंडियाँ निर्भर है। विशेषकर गल्ला का व्यवसाय बंद होने से पूरे अंचल में खाद्य सामग्री की कमी हो गई ।
लॉकडाउन खुलते ही आम जनजीवन पटरी पर आ रही है । बाजारें सुबह से आमतौर पर खुलने लगी है लेकिन जहाँ पिछले दो दिनों तक बाजार में भीड़ उमड़ने लगी थी। अब फिर से दोपहर होते ही बाजार सन्नाटे में तब्दील होने लगती है ।
ग्राहकों की कमी से यहाँ के व्यवसाई बेहद दुःखी भी हैं । उनका कहना है कि बार-बार इस तरह की परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है कि रानीगंज बाजार डिस्टर्ब हो जाता है। हिंदुओं का श्रेष्ठ पर्व राखी को लेकर जहाँ बाजार में विशेष रूप से भीड़ भाड़ होती थी , विशेष उत्साह देखा जाता था लेकिन इस बार सभी ओर निराशा ही देखने को मिल रही है।
शराफ़ स्मृति भवन को आइसोलेशन सेंटर बनाने पर ट्रस्ट का विरोध
शराफ़ स्मृति भवन के सचिव ने एक ज्ञापन एसडीओ को दी है जिसमें उल्लेख किया है कि स्थानीय लोग इस आइसोलेशन सेंटर बनाने को लेकर विरोध में है कहा कि यह पूरा संस्था सीताराम जी मंदिर सराफ़ स्मृति भवन सभी मंदिर ट्रस्ट के अधीन है। मंदिर ट्रस्ट के साथ-साथ आसपास के लोगों का भी विरोध आ रहा है । समाज के जुगल गुप्ता, संजय तोदी, महेश खेरिया, विमल सराफ जैसे लोगों का कहना है कि समाज द्वारा निर्मित सामाजिक संस्था समाज के लिए होती है और ऐसे अच्छे कामों के लिए अवश्य सहयोग करनी चाहिए।
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