चोरदाहा से अर्चना हेमरोम बनी सबसे कम उम्र की मुखिया 84 वोट से हुई जीत
चौपारण प्रखंड के चोरदाहा से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अर्चना हेमरोम जीत कर सबसे कम उम्र की मुखिया बनी। बेहद गरीब घर से तालुक रखने वाली अर्चना हेमरोम का जन्म विकास की मुख्य धारा से कटे गांव जमुनियातरी में हुआ था। पिता छोटी मोटी किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। वही बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी मेधावी छात्रा रही अर्चना हेमरोन वर्ग पांच तक मूर्तिया प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद मैट्रिक तक की शिक्षा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय मानगढ़ चौपारण में की। बाद में हजारीबाग में रहकर इक्नॉमिक्स ऑनर्स से पास आउट होकर सिविल सेवा की तैयारी में लग गई, और अपने पहले प्रयास में ही जेपीएससी की प्रांभिक परीक्षा पीटी पास कर ली, लेकिन राजनीति में आकर समाज सेवा का जुनून के कारण चोरदाहा पंचायत से पहली बार मुखिया के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी उर्मिला देवी को 84 वोट से हराकर जीत अपने नाम की। जीत मिलने पर खुशी जताते हुए, अर्चना हेमरोम ने कहा की यह पूरे चोरदाहा पंचायत की जनता की जीत है। उन्होंने कहा की विकास की गति जो वर्षो से रुकी हुई थी। उसे गति मिलेगी और पूरे पंचायत का सर्वांगीण विकास होगा कहा महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ शिक्षा बिजली पानी पर फोकस होगा। युवाओं का पलायन रोकने में भी काफी कार्य किए जाएंगे। कहा कि पंचायत में जो अराजकता की स्थिति बनी हुई थी, उसे सामूहिक प्रयास से प्रखंड में ही नहीं पूरे जिला में अव्वल बनाऊंगी।

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