आखिर बीजेपी नेता सतीश सिंह मर्डर मिस्ट्री का मास्टर माइंड कब होगा सलाखों के पीछे , और कब होगी धनबाद पुलिस की जाँच पूरी
धनबाद। भाजपा नेता व केंदुआ मंडल उपाध्यक्ष सतीश सिंह की बीते दिनों बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कुस्तौर के रहने वाले भाजपा नेता सतीश को दिनदहाड़े मटकुरिया विकास नगर में बाइक सवार अज्ञात अपराधी ने गोली मारी थी। दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने इस घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे। पुलिस को इस हत्याकांड में सतीश साव की शामिल होने का शक है। हालांकि, पुलिस कई अन्य संदिग्धों से भी इस मामले में पूछताछ कर रही है।
भाजपा नेता सतीश सिंह हत्याकांड को सुलझा लेने का धनबाद पुलिस ने दावा किया है। इसमें पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से बड़ी मदद मिली। फुटेज से ही पुलिस को पता चला कि मटकुरिया में झोपड़ीनुमा दुकान के पास दो बाइक पर सवार हत्यारों को कार पर सवार व्यक्ति ने हथियार दिए। उसके करीब 20 मिनट बाद ही सतीश को मटकुरिया विकास नगर में हत्यारों ने गोली मार दी। इस कांड में पुलिस ने कार चालक ललन दास को गिरफ्तार कर लिया है। उसका साला कृष्णा दास फरार है। ललन के पुटकी स्थित घर से पुलिस ने देशी पिस्तौल व बलियापुर के कृष्णा के घर से देशी पिस्तौल, घटना के समय पहना गया हेलमेट, कारतूस और खोखा बरामद किया है। सतीश की हत्या में दो बाइक पर सवार होकर चार अपराधी आए थे। इनमें से एक शूटर सतीश साव की पुलिस ने पहचान कर ली है। कृष्णा और सतीश की तलाश में छापेमारी हो रही है।
सिटी एसपी आर राम कुमार ने बताया कि सतीश की हत्या में चार अपराधी दो बाइक पर सवार होकर आए थे। वासेपुर का रहने वाला सतीश साव भी उनमें शामिल था। यह सतीश है, जिसने जमीन कारोबारी समीर मंडल की हत्या की थी। इस हत्याकांड की छानबीन के लिए पुलिस ने कड़ी मशक्कत की। कई जगह से वीडियो फुटेज उठाए। उन्हीं फुटेज के आधार पर हत्या की कडिय़ां मिलाई गईं। शूटर सतीश की पहचान हुई है। इस फुटेज के आधार ही उस कार की पहचान हो गई, जिससे अपराधी ने उतर कर मटकुरिया में शूटरों का हथियार दिए थे। उसके बाद कार आगे चली गई। यह कार जब्त कर ली गई है। कार चालक ललन को पुलिस ने उठाया। पूछताछ में हत्यारों के बारे में राज खुलने लगे। हालांकि पुलिस अभी भी यह पता नहीं लगा सकी है कि हत्या की वजह क्या थी।
भाजपा नेता सतीश सिंह के साथ सतीश साव के विवाद की पूरी कहानी पुलिस खंगाल रही है। अब तक के अनुसंधान के दौरान पुलिस को जानकारी मिली है कि खैरा विवाद के दौरान जब सतीश साव अपने कुछ सहयोगियों के साथ सतीश के पक्ष में खड़ा हुआ था। तभी भाजपा नेता ने सतीश साव को मोटी रकम देने का वायदा किया था। हालांकि वादा पूरा नहीं किया। खैरा का विवाद समाप्त हो गया तब भाजपा नेता ने दस हजार रुपए महीना सतीश साव को देना शुरू कर दिया। उसके बाद से ही सतीश साये की तरह भाजपा नेता के साथ रहने लगा। हालांकि, सतीश साव लंबी छलांग लगाने की कोशिश में था।
विकास कुमार, धनबाद
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