कल्यानेश्वरी। डीवीसी मैथन परियोजना भौगोलिक रूप से दो राज्यों में बंटा हुआ है, राइट बैंक मैथन झारखण्ड धनबाद जिला में है,
जबकि लेफ्ट बैंक सालानपुर ब्लॉक के देंदुआ ग्राम पंचायत अंतर्गत पश्चिम बंगाल में आता है।
ऐसे में डीवीसी की सबसे बड़ी धरोहर हाईडल भूमिगत पनबिजली केंद्र पश्चिम बंगाल की मानचित्र पर स्थित है।
किन्तु मैथन परियोजना के अधिकारियों ने गफलती में हाईडल पनबिजली केंद्र को धनबाद(झारखंड) बना दिया।
मौका और कार्यक्रम मंगलवार की है, जहाँ डीवीसी प्रबंधन द्वारा पनबिजली केंद्र में श्रमिकों के प्रवेश के लिए चेहरा-पहचान बायो-मीट्रिक प्रणाली का उदघाटन समारोह का आयोजन किया गया था,
समारोह की पंडाल में एक बैनर लगाया गया था, जिसमें पश्चिम बंगाल का कही भी जिक्र नहीं किया गया था, बल्कि बैनर में दामोदर वैली कारपोरेशन मैथन डैम धनबाद अंकित था।
वहीं मामले को लेकर सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस महासचिव भोला सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मैथन पनबिजली केंद्र देश के साथ साथ पश्चिम बंगाल का गौरव है, हाईडल के बिना डीवीसी का मैथन में कोई अस्तित्व नही है,
और उस अस्तित्व की नींव बंगाल में है, बंगाल क्षेत्र की लेफ्ट बैंक के लिए डीवीसी प्रबंधन की सुरूआत से ही सौतेला व्यवहार रहा है, आशा है कि सभी अधिकारी पढ़े लिखे और शिक्षित होंगे, तो उन्हें पता होना चाहिए कहाँ बंगाल है और कहाँ झारखंड, गलतियों पर डीवीसी प्रबंधन सुधार करें अन्यथा अगली बार इसे भूल नही दुस्साहस समझा जाएगा।
वही मामलें को लेकर डीवीसी मैथन परियोजना प्रमुख अंजनि कुमार दुबे से पूछने पर कहा कि डिवीसी मैथन कार्यलय धनबाद झारखण्ड के अधीन है, छुट्टी से लेकर अन्य नियम झारखंड से है, चुकी यहाँ बेनर में बंगाल होना चाहिये था, भूलवश ही ऐसा हुआ होगा।