नशा खराब करता है आपकी शान, ना डालें खतरे में जान – -प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक
नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है, जो कब जीवन में अंधेरा कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। आप इसका मजा भले ही दिनभर के कुछ सेकंड के लिए लेते हैं, लेकिन यह मजा, कब आपके लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। पिछले कुछ सालों में भारत के साथ ही पूरे विश्व भर में धूम्रपान करने और उससे पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। इस गंभीर लत ने कई लोगों को मौत का ग्रास तक बना दिया। उक्त बाते आज विश्व धूम्रपान दिवस के अवसर पर नव भारत साक्षर अभियान द्वारा आयोजित गोष्ठी में प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक सह धूम्रपान निषेध मंच हजारीबाग के सासंद प्रतिनिधि ने कहा बैठक की अध्यक्षता सिया राम कुमार भारती ने किया जबकि संचालन शारदा देवी ने किया, प्रबंधक ने कहा कि तंबाकू और धूम्रपान के दुष्परिणामों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने इसके लिए एक प्रस्ताव रखा जिसके बाद हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। तभी से 31 मई को प्रतिवर्ष विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के रूप में इसे मनाया जाता है, बीपीसी मुकुंद साव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया के करीब 125 देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है। दुनियाभर में हर साल करीब 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 80 फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं, लेकिन कुछ देशों में महिलाओं में धूम्रपान करने की आदत काफी बढ़ी है। दुनियाभर में धूम्रपान करने वालों का करीब 10 फीसदी भारत में है, रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 25 हजार लोग गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि के जरिए तंबाकू का विशेष सेवन करते है, विकासशील देशों में हर साल 8000 बच्चों की मौत अभिभावकों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के कारण होती है। किसी भी प्रकार का धूम्रपान 90% से अधिक फेफड़े के कैंसर ब्रेन हेमरेज और पक्षाघात का प्रमुख कारण है सिगरेट व तंबाकू मुंह ,मेरुदंड, कंठ और मूत्राशय के कैंसर के रूप में प्रभावित होता है। भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पाबंदी है ,इसके बावजूद लचर कानून व्यवस्था के चलते इस पर अमल नहीं हो पाता, भारत में आर्थिक मामलों की संसदीय समिति पहले ही राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मंजूरी दे चुकी है ,इसका मकसद तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाना है ,प्रखंड साक्षरता समिति चौपारण इस मुद्दे पर काफी गंभीर है इसलिए समय समय पर प्रखंड वासियों को जागरूक करने के लिए प्रखंड साक्षरता समिति चौपारण गोष्ठी,कार्यक्रम इत्यादि करती है ताकि चौपारण धूम्रपान मुक्त क्षेत्र बने,गोष्ठी मे मैना देवी,रंजित कुमार यादव, मिथुन कुमार शर्मा, माधवी सिन्हा, शहजादी खातून, प्रतिमा कुमारी, छोटी कुमारी आशा रंजन फूलवंती कुमारी ज्योति देवी,सुनीता देवी,सावित्री कुमारी नीलम कुमारी सहित कई साक्षरता कर्मी उपस्थित थे।
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