लगभग 200 वर्ष पुराना है माता नीलकंठ वासनी का मंदिर, झरिया के राजा संग्राम सिंह का मंदिर
यह माता नीलकंठ वासनी कुलदेवी मंदिर राजा परिवार झरिया के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर के बारें में कई बातें विख्यात है जो कोई भी भक्त पूरी श्रद्धा से इस माँ नीलकंठ वासनी के दरबार में आते हैं माँ उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माँ का यह मंदिर लगभग 200 वर्षों से स्थापित है। इस मंदिर के मुख्य पुरोहित कोका पंडित हैं जो कि इस मंदिर कि देख-रेख व रख-रखाव करते हैं, सारी जिम्मेदारी उनकी ही है।
झरिया के राजा संग्राम सिंह ने इस मंदिर को बनवाया था ऐसा वहाँ के कुछ लोगों ने कहा, माता के मंदिर के कई चमत्कारी स्वरूप हैं, जो कोई भी भक्त इस मैया के दरबार में अगर आता हैं तो वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता हैं, सच में इस मंदिर में जाने के बाद माँ के होने का अहसास होता है कि माँ नीलकंठ वासनी यही विराजमान होकर अपने भक्तों के हर कष्ट को दूर रही है एवं इनके यहाँ हाजरी लगाने वाले कभी भी खाली हाथ नहीं लौटे है, इस मंदिर तक पहुँचने के लिए झरिया राजा गढ़ के समीप आना होगा यही विराजमान है माँ नीलकंठ वासनी जिसकी ख्याति कि छठा दूर दूर तक फैली हुई हैं।

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