रानीगंज के बर्ंस कंपनी इलाके से अवैध कब्जा पर कार्यवाही से हड़कंप
रानीगंज। इस्टर्न रेलवे के आसनसोल डिवीजन की ओर से रानीगंज बर्न्स कंपनी एवं रेलवे एक जमीन पर रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि जल्द से जल्द इन सरकारी जमीन खाली कर दें। इस नोटिस से इलाके में हड़कंप मच गई है।
प्रथम चरण में 117 लोगों के हटाने के लिए नोटिस जारी की गई है। पिछले 2 दिनों से इस क्षेत्र में नोटिस को लेकर विभागीय अधिकारी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। इस कार्य में विभागीय अधिकारी बी कुमार , लोगों को आगाह कर रहे हैं कि नोटिस के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए आगामी 8 मई तक अपनी बातों को रखने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।
यहाँ रहने वाले बाशिंदों का कहना है कि बर्नस कंपनी में हम लोग कार्यरत थे। बंद होने के बाद हम लोग इसी कंपनी के आवास में रहकर दो वक्त की रोजी रोटी का जुगाड़ करते हैं, जीविका चला रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कंपनी करीब दो दशक से बंद है। कंपनी सेंट्रल गवर्नमेंट के अधीन रहा और यह संपत्ति वर्तमान में रेल गवर्मेंट का है। जैसा कि प्रावधान है। नोटिस में उल्लेख है कि जो लोग यहाँ कार्यरत थे अपना पूरा विवरण दे। विवरण के सचाय एवं जाँच पड़ताल के बाद निर्णय ली जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक कंपनी के चीन कोटी ,लाइक बांध, नेपाली पारा से लेकर रेलवे स्टेशन के समीप तक का बिरहत्तर इलाके में अवैध दखल हैं। अनेकों लोग अपना बहुमुखी कारोबार चलाते हैं। वाहन रखने के गैरेज एवं अनेकों गोदाम इस परिसर में है। जो सब अवैध कब्जा पर आधारित है। कोरोना महामारी के दरमियाँ चीन कोटी मैदान में सब्जी मंडी स्थापित कर दी गई है।
अब स्थानीय लोगों का कहना है कि हम लोग राज्य के मुख्यमंत्री से अपील करेंगे कि हम लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। हमारी स्थिति आत्महत्या करने लायक हो गई है।
पूरे देश में अवैध कब्जा को लेकर सरकार कार्यवाही शुरू की है माना जा रहा है कि ऐसे ही कार्यवाही पर यहाँ भी योजना बनाई गई है। आरोप है कि इस क्षेत्र में श्रमिक संगठन सीटू सबसे अधिक सक्रिय रहा है। सीपीएम एवं इस क्षेत्र के प्रभावी नेता हेमंत प्रभाकर ने कहा कि हम लोगों का स्टैंड स्पष्ट है यहाँ कार्यरत श्रमिकों का बकाया दी जाए और उनका पूर्ण वासन दी जाए हम लोग उन्हें विस्थापित नहीं होने देंगे इसके लिए जो भी कानूनी प्रक्रिया होगी करेंगे।
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