महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिरों में दिखी भक्तों की भिंड
आज सुबह से ही भक्त सुबह से ही मंदिरों में पहुँच कर भक्ति में लीन दिखें, सर्वप्रथम भक्त लोग मंगलवार होने के वजह से माँ काली मंदिर में पहुँचें और माँ काली की पूजा में भी योगदान किये उसके पश्चात् शिवाल्यों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई कई कई भक्त यह कहते हुए पाए गए की सुबह में माँ काली की पूजा और शाम को बाबा भोले की बारात और पूजा।
महाशिवरात्रि पूजाविधि अनुसार करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त को मनचाहा वरदान दे देते हैं। शिवरात्रि पूजा विधि के अनुसार शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से मन की शांति प्राप्त होती है। अगर आप भी महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो, बता दें कि शिवरात्रि व्रत का नियम भी होता है। अगर आपने शिव पूजा में महाशिवरात्रि व्रत के नियम का पालन किया तो ,शिवलोक की प्राप्ति अवश्य होगी।
महाशिवरात्रि 2022 पूजन का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के त्यौहार पर भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में करने का विधान होता है। इस साल महा शिवरात्रि 1 मार्च मंगलवार को प्रातः 3:16 बजे से प्रारंभ होगी। शिवरात्रि की तिथि दूसरे दिन यानि चतुर्दशी तिथि बुधवार 2 मार्च को प्रातः 10 बजे समाप्त होगी।
महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि
महाशिवरात्रि के दिन गंगा स्नान कर भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों को, महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि के अनुसार करने से इच्छित फल, धन, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि व्रत का सबसे प्रमुख भाग उपवास होता है। सबसे पहले पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें। स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद हाथ में अक्षत और गंगाजल लेकर महाशिवरात्रि व्रत का उपयोग होता हैं ।
महाशिवरात्रि
भगवान शिव बहुत भोले हैं । यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि पर शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं।
कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है।

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