नारायण पुरी मथुरा चंडी जहाँ से भारत का प्रथम कोयला खनन हुआ था इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के टीम ने पूरे इलाके का सर्वेक्षण
रानीगंज। नारायण पुरी मथुरा चंडी जहाँ से भारत का प्रथम कोयला खनन हुआ था , इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के एक टीम ने पूरे इलाके का सर्वेक्षण करते हुए ऐतिहासिक कॉलेज घर अर्थात कोयले निकासी होने वाली चार नाक जेपी घाट अर्थात जहाँ से कोयला निर्यात की जाती थी वहाँ पर बोर्ड लगाकर इलाके संरक्षण का शिलान्यास किया।
ईसीएल के निर्देशक भी रेडी ने कहा कि यह क्षेत्र ईसीएल का क्षेत्र है यहाँ से भारत का प्रथम कोयला खनन का काम शुरू हुआ था अर्थात प्रथम कोयला खान है जो 1976 में कौर टाइगर कंपनी के नाम से ठाकुर देवेंद्र नाथ चलाया करते थे। यहाँ कॉलेज है जेपी है और पूरा यह इलाका इसी अलका है इसका सर्वेक्षण इसका देख-रेख का दायित्व ईसीएल को है। इसलिए हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि इस क्षेत्र का और विकास हो। क्योंकि आने वाले पीढ़ी यह जान सके कि यहाँ पर पहला कोयला खान था।
इसे सजाने संवारने के लिए कनसु रिया एरिया को दायित्व दी गई है बहुत हद तक की है और भी जरूरत है जिसे पूरा की जाएगी उनके साथ ईसीएल के महाप्रबंधक एके सिन्हा अधिकारी राजकुमार बनर्जी मोहम्मद सगीर जहाँ उपस्थित थे वहीं स्थानीय नारायण पुरी मथुरा चंडी कॉमेडी एवं हेरीटेज कमिटी के सदस्य गण वापी चक्रवर्ती भूतनाथ मंडल अरविंद सिंघानिया रीना दास प्रमुख उपस्थित थे।

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