डीसी रेल लाइन में बाँसजोड़ा के पास 21 सिग्नल रिले डिवाइस की चोरी, सिग्नल फेल के बाद कई एक्सप्रेस ट्रेनें बाधित
लोयाबाद। डीसी रेल लाइन में बाँसजोड़ा के पास 21 सिग्नल रिले डिवाइस की चोरी हुई है। चोरी के बाद सिग्नल फेल हो गया।सर्किट काम नहीं करने लगा। घटना रात दो बजे की है।सिग्नल फेल के बाद कई एक्सप्रेस ट्रेनें बाधित हुई। माल गाड़ी भी काफी देर तक फंसी रही। दिलचस्प बात ये है कि सर्किट के तीन बक्से को निशाना बनाया गया और तीनों बक्से बन्द की हालत में रिले डिवाइस को गायब किया गया है। तीनों बक्से एक ही चाभी से खुलता और बन्द होता है। बॉक्स नंबर 09 से, छह पीस, 10 में, नौ पीस, एवं 10/2 में, आठ पीस की चोरी हुई है, रेल कर्मचारी माने तो, जब सिग्नल फेल हुआ तो जाँच करने पहुँचे तो, तब भी तीनों बक्सा बन्द था।और रिले डिवाइस बक्से से गायब था। कर्मचारी घटना से हैरत में पड़ गए। सेक्शन अधिकारी मोहन मुखर्जी को खबर किया गया। धीरे-धीरे मामला उच्य अधिकारी तक पहुँच गया। रेलवे इसकी कीमत 29505 बताया है। जबकि नए की क़ीमत 80 हजार के करीब होती है। रात दो बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक सिग्नल फेल रहा। अधिकारी रातभर जगे रहे, रातोरात आननफानन में सभी जगह नई रिले डिवाइस बदले गए ,फिर सुबह 5 बजे तक सिग्नल दुरुस्त हुआ और उसके बाद गाड़ियों का परिचालन शुरू हो सका। इधर घटना के बाद आरपीएफ और क्राइम इंटलिजेन्स ब्रांच के अधिकारी हरकत में आगये। किसी को ये समझ में नहीं आ रहा था कि जब चाभी रेलवे कर्मचारी के पास रहता है तो डिवाइस की चोरी कैसे हुई ,दोनों विभाग मामले की जाँच में जुट गए हैं।
आरपीएफ के निशाने पर रेल कर्मी,
सर्किट बॉक्स बन्द की हालत में गायब हुआ रिले डिवाइस के बाद संबंधित रेल कर्मचारी आरपीएफ और क्राइम इंटलिजेन्स ब्रांच के अधिकारियों के निशाने पर है। इन अधिकारियों का मानना है कि बॉक्स तोड़कर नहीं चाभी से खोलकर कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है।मतलब यह हुआ कि चोरी करने वाले के हाथ चाभी लगी है।
आरपीएफ और रेल कर्मचारी के बीच नोक-झोंक
सुबह करीब 7 बजे आरपीएफ और क्राइम इंटलिजेन्स ब्रांच के अधिकारी घटना स्थल पहुँचे तो रेल कर्मचारी को बुलाया और उनसे पूछताछ करने लगे,रेल कर्मचारी सुब्रतो कर्मकार ने पूरी घटना से अवगत कराया। डिवाइस बदलने की भी जानकारी दी गई। आरपीएफ और इंटलिजेन्स ब्रांच के अधिकारियों को बन्द बॉक्स से डिवाइस चोरी की बात गले से उतर नहीं रहा था।हालांकि इस दौरान रेलवे कर्मचारी ने कहा कि पहले भी इस तरह के घटना को अंजाम दिया गया था,उस समय केबल चोरी हुआ था,उस दौरान दोनों के बीच नोक-झोंक होने लगा।
ये ट्रेनें हुई सिग्नल की वजह से लेट
वनांचल एक्सप्रेस,दुमका इंटरसिटी एक्सप्रेस,और मौर्या एक्सप्रेस सहित आठ माल गाड़ी सिग्नल फेल की वजह से फंसे रहे।हालांकि रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि मेन्युवल सिस्टम से सभी गाड़ियों का पासिंग कराया गया।
आरपीएफ की होती है ड्यूटी
बाँसजोड़ा और गड़ेरिया के बीच आरपीएफ जवानों की ड्यूटी होती है। सिग्नल दो बजे फेल हुआ।तब वहाँ कोई भी जवान ड्यूटी पर नहीं थे। अगर होता तो चोरों पर उसका निगाह जरूर पड़ता। इस घटना से आरपीएफ की लापरवाही सामने आई है। एक अधिकारी ने कहा कि बाँसजोड़ा स्टेशन के पूर्व और पश्चमी एरिया हमेशा डिस्टरवेन्स रहता है। यहाँ पहले भी केबल और रियल मोनिटरिंग सिष्टम की चोरी हो चुकी है।

Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View
अवैध कोयला खनन ने ली युवक की जान, ईसीएल अधिकारी बेखबर: चरणपुर ओसीपी में हादसा
Quick View

