नात शरीफ पढ़कर एवं फातिया खानी के साथ जशन-ए-ईद मिलादुननबी मनाया गया
ईद-ए-मिलादुननबी के अवसर पर विधायक पुत्र रवि अकेला एवं थाना प्रभारी ने दिया मुबारकबाद
चयकला में मुहम्मद पैगम्बर (स) के जन्मदिन, ईद-ए-मिलादुननबी के अवसर पर जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया। जिसमें विधायक पुत्र रवि शंकर अकेला शामिल हुए और लोगों से कहा मोहम्मद पैगम्बर (स) के जन्मदिन, ईद-ए-मिलादुननब़ी के अवसर पर मैं सभी देशवासियों विशेष रूप से हमारे मुस्लिम भाइयों-बहनों को मुबारकबाद देता हूँ। आइए हम सब मोहम्मद पैगम्बर (स) के जीवनी को पढ़कर हर एक इंसान को प्रेरणा लेकर , समाज की खुशहाली के लिए और देश में सुख शांति बनाए रखने हेतु कार्य करें। नबी ए पाक तमाम आलम के लिए रहमत बनकर आए अगर इंसान उनके बताए हुये रास्ते पर अमल करे तो दिन और दुनिया में कामयाब होता हुआ नजर आएगा।
जुलूस में भारी संख्या में लोग मौजूद थे और ना राए तकबीर ना राए रिसालत सरकार की आमद आका की आमद हुजूर की आमद से इलाका गूंज रहा था, इस मौके पर पुलिस प्रशासन का भी शांति बनाने में अहम योगदान रहा इस जुलूस में प्रखंड अध्यक्ष विकास यादव, चयकला पंचायत समिति सदस्य फैजान अजमेरी, यूवा नेता सह समाज सेवी बीरबल साहू, पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद जकाउल्लाह, युवा नेता हेलाल अख्तर, मोहम्मद सलाम, मोहम्मद समशेर, मोहम्मद बुधन, मोहम्मद ललन और कई सामाजिक कार्यकर्ता एवं पंचायत वासियों शामिल हुए।
पढ़कर एवं फातिया खानी के साथ जशन-ए-ईद
चौपारण प्रखंड के ग्राम कमलवार में काफी उत्साह एवं खुशी के साथ जशन-ए-ईद मिलादुननबी मनाया गया, लोग नात शरीफ पढ़कर ईद मिलादुननबी आगाज किया। हज़रत मोहम्मद ( स ) की योमे पैदाइश को लेकर दिनभर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हुजूर की आमद मरहबा, नबी की आमद मरहबा की सदा गुंजती रही । नबी ( स ) की आने की खुशी में लोग सुबह सादिक़ वक्त जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल हो गए, बाद सलाम मिलाद व नियाज फिर दुआएं मांगी गई ।मोहम्मद साहब के जीवनी पर लोगों ने प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने समतामूलक समाज की बुनियाद डाली।
महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने का काम किये। समाज के तमाम लोगों को समता व बराबरी का हक दिया। प्रसिद्ध उर्दू शायर हाफिज हकीम ने लिखा भी है कि ” एक ही सफ में खड़े हैं महमूद व आयाज। न कोई बंदा रहा और न ही कोई बंदानवाज। नबी ( स ) का किरदार ऐसे थे कि जिसे देख कर ही लोग इस्लाम धर्म कबूल कर लेते थे। उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी को तकलीफ नहीं पहुँचाई। ईमानदारी ऐसी थी कि लोग अपने अपने सामानों को अमानत के रूप में उनके पास रखा करते थे। आज के मुसलमान अपने नबी ( स ) बताये हुए रास्ते से भटक चुके हैं, जिस कारण ही परेशान हैं।

Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें

Quick View